नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत अब स्कूलों में कला शिक्षा अनिवार्य होगी। कक्षा 8 के छात्रों के लिए थिएटर, संगीत, नृत्य-आंदोलन और दृश्य कला जैसे विषयों को शामिल करने हेतु NCERT ने एक नई पाठ्यपुस्तक ‘कृति’ तैयार की है। साथ ही कक्षा 5 और 8 के लिए अन्य पुस्तकें भी तैयार की गई हैं। आइए जानें विस्तार से:
🎨 नई पाठ्यपुस्तक ‘कृति’
- इसमें 19 अध्याय शामिल हैं, जिनमें थिएटर, संगीत, नृत्य-आंदोलन और दृश्य कला को समाहित किया गया है।
- भारतभर के पारंपरिक गीतों और नृत्यों को स्थान दिया गया है।
- पाठ्यक्रम में 10वीं सदी के कश्मीर के विद्वान अभिनव गुप्त द्वारा रचित ‘अभिनवभारती’ और शांति रस का वर्णन है।
- ताल, कोंनाकोल, हिंदुस्तानी संगीत, पारंपरिक व आधुनिक वाद्ययंत्र, पुरातन पांडुलिपियाँ और नृत्य-नाटक व गीतों के प्रकार भी समझाए गए हैं।
👩🏫 कला शिक्षकों की कमी—नयी व्यवस्था
- कला शिक्षा अब अनिवार्य विषय है—अर्थात सभी कक्षा 8 के छात्र इसे पढ़ेंगे।
- जहाँ शैक्षणिक शिक्षक उपलब्ध नहीं होंगे, वहाँ युवा कलाकार स्थानीय स्तर पर शिक्षा देंगे।
- इनका चयन क्षेत्रीय योग्यता और अनुभव के आधार पर किया जाएगा—डिग्री अनिवार्य नहीं होगी।
📅 पाठ्यक्रम और अवधि
- कला शिक्षा का कुल समय होगा 100 घंटे, यानी 40 मिनट के 150 पीरियड।
- प्रति सप्ताह चार क्लासे और शनिवार को फील्ड-प्रैक्टिकल की व्यवस्था।
- कार्य-सप्ताह का समय इस प्रकार विभाजित होगा:
- सोमवार: थिएटर
- मंगलवार: संगीत
- बुधवार: नृत्य-आंदोलन
- गुरुवार: दृश्य कला
- शनिवार: व्यावहारिक गतिविधियाँ
📚 अन्य नई किताबें—कक्षा 8
NCERT ने X (पूर्व Twitter) पर बताया कि कक्षा 8 के लिए दो प्रमुख पुस्तकें तैयार की गई हैं:
- Curiosity (क्यूरियोसिटी) – विज्ञान की यह पुस्तक बच्चों में जिज्ञासा जगाएगी
- Kaushal Bodh (कौशल बोध) – व्यावसायिक शिक्षा के लिए आवश्यक कौशल सिखाएगी
इनके अतिरिक्त ‘मल्हार’ (Malhar), ‘कृति’ (Kriti) और ‘पूर्वी’ जैसी किताबें भी शामिल हैं।
🧒 कक्षा 5 की नई किताबें
- वीणा (Veena) – हिंदी भाषा के लिए
- संतूर (Santoor) – अंग्रेजी भाषा के लिए
इनसे कक्षा 5 के छात्रों की भाषा—और शिक्षा की नींव मजबूत होगी।
📦 उपल्बधता
- अभी ये पुस्तकें आॅनलाइन या दुकानों पर उपलब्ध नहीं हैं।
- NCERT ने इन्हें अमेजन पर सूचीबद्ध कर दिया है, और जल्द ही बिक्री की उम्मीद है।
- यह किताबें छात्रों और अभिभावकों को बेहतर शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने का एक बड़ा कदम हैं।