अपनी पत्नी काे डेढ़ साल से टाॅयलेट में कर रखा था बंद, खाना भी पेट भर नहीं दिया ; छुड़ाने के बाद 2 कप चाय पी, 8 रोटियां खाईं

  • आजादी: रिसपुर में प्रोटेक्शन अफसर ने महिला को पति की कैद से छुड़ाया
  • असहाय: टॉयलेट में रहने से हालत हुई खराब, अपने सहारे खड़ी भी नहीं हो पाई
  • अत्याचार: पति ने कहा-बार-बार शाैच करती है, इसलिए बंद ही रखता था

पति ने 35 साल की पत्नी काे डेढ़ साल से घर के टाॅयलेट में ही बंद रख रखा था। खाना-पीना भी कभी-कभी देता था, वाे भी टाॅयलेट में। 15 से 20 दिनाें में उसे एक बार टाॅयलेट से बाहर निकालते थे और कुछ कहे ताे मारपीट करके दाेबारा फिर उसे बंद कर देते थे। मामला रिसपुर गांव का है। मंगलवार काे एक गुप्ता सूचना पर महिला प्रोटेक्शन अधिकारी रजनी गुप्ता टीम के साथ पहुंची।

पति घर में दाेस्ताें के साथ था। पत्नी के बारे में पूछा ताे उसने पहली मंजिल पर बने टाॅयलेट का दरवाजा खाेल पत्नी काे दिखाया। महिला की स्थिति दयनीय थी। महिला के पूरे बदन पर टाॅयलेट लगी थी। पति ने बताया कि उसकी मानसिक हालत खराब है। वह बार-बार शाैच कर देती है इसलिए उसे बंद रख रहे थे। प्रोटेक्शन अधिकारी ने महिला के पति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए सनाैली थाने में शिकायत दी है। मामला एसपी के संज्ञान में भी लाया गया है। वहीं महिला का मेडिकल कराने के बाद उसे समालखा में उसकी मां के पास भेज दिया गया है। बुधवार को मानसिक रोग विशेषज्ञ से जांच कराई जाएगी।

पड़ोसी बोलेे-महिला को पीटता भी था पति

प्रोटेक्शन अधिकारी ने बताया कि गुप्ता सूचना पर कार्रवाई की। महिला के शरीर पर शाैच लगी थी। हालत एकदम दयनीय थी। वह चलने फिरने की हालत में नहीं थी। पति का कहना था कि पत्नी की मानसिक हालत ठीक नहीं है, बार-बार शाैच करती है। इसलिए उसे टाॅयलेट में रख रहे थे। पड़ाेसियाें ने बताया कि महिला काे पति पीटता भी था। कभी-कभी उसे ही बाहर निकालते और फिर बंद कर देते थे। महिला काे दाे लाेगाें ने उठाकर बाहर निकाला। फिर उसे नहलाया गया और उसे खाने के बारे में पूछा। भूख इतनी लगी थी कि महिला ने दाे कप चाय पी और 8 राेटियां खा गई।

महिला के भाई, पिता की हो चुकी है मौत

इस पूरे मामले में पति की भूमिका पर सवाल उठ रहा है। क्योंकि उसका कहना है कि पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। जबकि पत्नी सबको पहचान रही है। टीम ने पति से पूछा किस डाॅक्टर से इलाज कर रहा रहे और काेई मेेडिकल कागज है। ताे उसने मना कर दिया और कहा कि 3 साल पहले एक बार दिखाया था। जबकि महिला से कई सदस्याें के बारे में पूछा गया वह सबकाे पहचान रही थी। नाम भी जानती थी। महिला से टीम ने पूछा कि जब नहाते हैं ताे बालाें में क्या करते हैं ताे उसने बताया कि शैम्पू। महिला का मायके में सिर्फ मां है। पिता और भाई की माैत हाे चुकी है।

काउंसिलिंग होगी तीनों बच्चे भी क्यों चुपचाप रहे

महिला की एक लड़की (15 साल), 11 और 13 साल के दाे लड़के हैं। लड़की 10वीं की छात्रा और बड़ा लड़का 8वीं में पढ़ता है। मां काे टाॅयलेट में बंद रखने पर उन्हाेंने कभी विराेध नहीं किया और न किसी काे बताया। प्रोटेक्शन अधिकारी ने कहा कि सीडब्ल्यूसी काे पत्र लिख दिया है। तीनाें बच्चाें की काउंसिलिंग कराई जाएगी आखिर बच्चे क्यों चुप थे।

पति पर कार्रवाई के लिए एसपी को लिखा

प्रोटेक्शन अधिकारी ने कहा कि एक बार के लिए हम पति की भी बात मान ले कि महिला की मानसिक स्थिति खराब है। लेकिन उसे टाॅयलेट में रखना कहां का इलाज हुआ। तीन-तीन बच्चे हैं उनके साथ मिलकर पत्नी की सेवा करता। ये अपराध है। पति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हाे उसके लिए उन्हाेंने खुद अपनी ओर से शिकायत दी और एसपी के संज्ञान में भी मामला लाया गया है।

मनोरोग विशेषज्ञ बोले-दिमागी तौर पर परेशान से ऐसा व्यवहार घातक है

सिविल अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर रवि का कहना है कि अगर कोई दिमागी तौर पर परेशान है तो उसका इलाज कराना चाहिए। अगर उसे दवा देने की बजाय कहीं कैद रखेंगे तो उससे मरीज की हालत और ज्यादा खराब ही होगी। बात जान पर भी बन आ सकती है।

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