नई दिल्लीः भारतीय विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोहा में अफगान शांति वार्ता सम्मेलन को संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमा लोगों की दोस्ती अफगानिस्तान के साथ हमारे इतिहास का प्रमाण है। हमारी 400 से अधिक विकास परियोजनाओं से अफगानिस्तान का कोई भी हिस्सा अछूता नहीं है। हमें विश्वास है कि यह संबंध हमेशा बढ़ता रहेगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि माना जाता है कि शांति प्रक्रिया अफगान के नेतृत्व वाली, स्वामित्व वाली व अफगान-नियंत्रित होनी चाहिए, इसे अफगानिस्तान की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान की मिट्टी का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों के लिए कभी नहीं किया जाएगा।