159 करोड़ की मल्टी सुपर स्पेशियलिटी विंग का उद्घाटन
आरएनटी मेडिकल कॉलेज परिसर में 159 करोड़ की लागत से बनी प्रधानमंत्री सुपर स्पेशियलिटी विंग का ई-उद्घाटन केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन और सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को किया। न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, गेस्ट्रो मेडिसिन, गेस्ट्रो सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, एंडोक्राइनोलॉजी (डायबिटीज) जैसे स्पेशियलिटी विभागों के संचालन के लिए लगभग 58.58 करोड़ के हाईटेक मशीन-उपकरण इंस्टॉल कर दिए गए हैं।
इसमें 10 करोड़ की लाइनेक सेटअप, 7 करोड़ की डिजिटल सब्सट्रेक्शन एंजियोग्राफी (डीएसए), 4 करोड़ की सीटी सिम्यूलेटर 64 स्लाइस, एक करोड़ की ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप (प्लास्टिक सर्जरी) की मशीनें शामिल हैं। अब यहां किडनी ट्रांस प्लांट, ब्रेन स्ट्रोक, टारगेट कैंसर थैरेपी, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी आदि का बेहतरीन इलाज मिल सकेगा।
ओपीडी में रोज दो हजार और आईपीडी में 250 भर्ती मरीजों की क्षमता रहेगी। अब इन गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगियों को अहमदाबाद, मुंबई, जयपुर, दिल्ली आदि जगह जाकर लाखों रुपए खर्च नहीं करने पड़ेंगे। प्रिंसिपल डॉ. लाखन पोसवाल ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट शुरू कराने की तैयारियां चल रही हैं। ऑर्गन रिट्रीवल गुरुवार से ही शुरू कर देंगे। ई उद्घाटन के दौरान सांसद अर्जुनलाल मीणा, मावली विधायक धर्मनारायण जोशी, एमबी अधीक्षक डॉ. आर.एल. सुमन भी मौजूद थे।
- सीएम और केंद्रीय मंत्री ने 159 करोड़ की मल्टी सुपर स्पेशियलिटी विंग का किया ई-उद्घाटन
- ओपीडी में रोज दो हजार और आईपीडी में 250 भर्ती मरीजों की क्षमता रहेगी
जानिए इस विंग में कहां क्या चिकित्सा सेवा मिलेगी
भूतल
- ओपीडी सुबह 8 से दोपहर 2 बजे।
- भामाशाह योजना काउंटर, हेल्प डेस्क और रजिस्ट्रेशन डेस्क।
- कैंसर रेडियोथैरेपी विभाग ब्लॉक।
- न्यूरोलॉजी विभाग की डिजिटल सब्सट्रेक्शन एंजियोग्राफी लैब।
- यूरोलॉजी विभाग की लिथोट्रिप्सी लैब।
पहला तल
- 24 बैड्स की क्षमता का रेडियोथैरेपी कैंसर वार्ड तैयार है।
- रेडियोथैरेपी वार्ड में एनेस्थेटिक्स कैंसर मरीजों को भयंकर दर्द से राहत दिलाने के लिए सर्जिकल प्रोसीजर करेंगे।
- पूछताछ कक्ष और चिकित्सकों के चैंबर भी यहीं हैं।
दूसरा तल
- यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी सहित सभी सर्जिकल वार्ड।
- सभी सर्जिकल वार्ड के नर्सिंग काउंटर्स पर बैठे नर्सिंग स्टाफ को सभी बैड्स दूर से ही साफ दिखाई देते हैं।
- सभी सर्जिकल वार्ड के डेमोंस्ट्रेशन रूम और ट्रीटमेंट रूम पूरी तरह तैयार।
तीसरा तल
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी विभाग, एंडोक्राइनोलॉजी विभाग सहित सभी मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी के वार्ड हैं।
- किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधाओं का समायोजन तैयार कर दिया गया है। डायलिसिस यूनिट, आइसोलेशन वार्ड, डायलिसिस आरओ आदि तैयार हैं।
चौथा तल
- 44 बैड्स की इंटेंसिव केयर यूनिट आईसीयू स्थापित कर दी गई है।
- आईसी के प्रत्येक बैड पर मॉनिटर-ऑक्सीजन-वैक्यूम-नाइट्रस ऑक्साइड और वेंटीलेटर जैसी आपात सेवा उपलब्ध करा दी गई हैं।
- आईसीयू को हाई रिस्क और लॉ रिस्क कैटेगरी में बांट दिया ताकि गंभीर रोगियों की देखभाल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस आईसीयू में की जाएगी।
पांचवां तल
- यहां दो-दो करोड़ की लागत से छह मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर तैयार किए गए हैं।
- मरीजों को ऑपरेशन के दौरान होने वाले किसी भी संक्रमण को न्यूनतम रखने की व्यवस्था की गई है।
- सभी ओटी में हेपा-फिल्टर लगाए गए हैं जो ओटी में प्रवेश करने वाली हवा को विषाणु-कीटाणु रहित बनाते हैं।
- 14-14 आईसीयू बैड की प्री-पोस्ट ऑपरेटिव केयर यूनिट तैयार कर दी गई हैं।
- 14 बैड का एक सर्जिकल आईसीयू यहां भी बनाया गया है।