जेईई मेन की परीक्षा में सफल नहीं होने पर शनिवार को बागबेड़ा की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। छात्रा का नाम श्रुति पांडेय (18) था। वह बागबेड़ा हरहरगुट्टू देवता भवन के पास की रहने वाली थी। घटना के बाद बागबेड़ा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की और शव को पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम अस्पताल भेजा, जहां से कोरोना निगेटिव पाए जाने के बाद मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद शव का पार्वती घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
घटना के संबंध में पुलिस और परिवार के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, श्रुति जेईई की तैयारी कर रही थी। वह बिष्टूपुर में कोचिंग भी करती थी। इस वर्ष परीक्षा में शामिल हुई थी। शुक्रवार को जब रिजल्ट निकला तो कट ऑफ में नाम नहीं होने से तनाव में आ गई। उसने रात में भोजन भी नहीं किया था। उसके बाद परिवार के लोगों ने उसे समझाया। उसके पिता मिथिलेश पांडेय ने पुलिस को बताया कि रात में लग नहीं रहा था कि वह यह कदम उठा लेगी। इसलिए सभी लोग सोने चले गए। शनिवार को जब परिवार के लोग उसके कमरे में जगाने गए तो देखा कि दुपट्टे का फंदा बनाकर लटक रही है। उसके बाद परिवार और आसपास के लोगों ने उसे फंदे से उतारा और बागबेड़ा पुलिस को जानकारी दी। मौके से पुलिस को कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है। इस मामले में श्रुति के पिता मिथलेश कुमार पांडेय के बयान पर यूडी केस दर्ज किया गया है। श्रुति ने बिष्टूपुर स्थित एक स्कूल से इस वर्ष 12वीं की परीक्षा 91 प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी और जेईई के लिए तैयारी की थी। उसके पिता झारखंड अग्निशमन विभाग में पदस्थापित हैं