दंडी सेवा आश्रम में 19 नहीं, तीन बच्चों के साथ कुकर्म, सप्ताह भर से जांच जारी

उज्जैन जिले के बड़नगर रोड स्थित दंडी आश्रम में पंडिताई सीखने आए बच्चों के साथ आचार्य और सेवादार ने अनैतिक कृत्य किया। शुरुआती दौर में पुलिस ने 3 नाबालिक बच्चों की शिकायत पर आचार्य राहुल शर्मा और सेवादार अजय ठाकुर के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया और फिर जेल भेज दिया। पुलिस और एसआईटी की टीम को अब तक इस मामले में 3 नाबालिक बच्चों के अलावा कोई और पीड़ित नहीं मिला है, जिसके साथ अनैतिकृत किया गया हो। 

दरअसल, दंडी सेवा आश्रम में 19 नाबालिक बच्चों के साथ अनैतिकृत किए जाने का मामला पिछले काफी समय से सुर्खियों में बना हुआ है। इस मामले में पुलिस लगातार ऐसे पीड़ितों का पता लगाने में लगी हुई है जिनके साथ आचार्य और सेवादार ने अनैतिक कृत्य किया हो, लेकिन पुलिस और एसआईटी की टीम को अब तक आश्रम से अन्य कोई ऐसा बटुक नहीं मिला है जिसके साथ इस प्रकार का कोई कृत्य किया गया हो। 

इसे लेकर एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा कि हम शुरुआत से ही यही कह रहे हैं कि आश्रम में आचार्य और सेवादार द्वारा अनैतिक कृत्य किए जाने की शिकायत 3 बच्चों द्वारा की गई थी, जिस पर ही कार्रवाई की गई। हो सकता था इस मामले में पीड़ित और भी हों, इसलिए एसआईटी गठित कर बटुकों के अलग से बयान लिए गए। लेकिन, अब तक और कोई पीड़ित सामने नहीं आया है। कुल मिलाकर आचार्य और सेवादार के द्वारा किए गए अनैतिक कृत्य के शिकार 3 बच्चे ही हुए हैं। वहीं, एडिशनल एसपी जयंत राठौर ने भी कहा कि दंडी आश्रम में 19 नहीं,  सिर्फ 3 बच्चे इस अनैतिक कृत्य का शिकार हुए हैं। 

यह है पूरा मामला
महाकाल थान प्रभारी अजय वर्मा ने बताया कि बड़नगर रोड स्थित दांडी आश्रम में पंडिताई की शिक्षा ग्रहण करने वाले देवास, मंदसौर और राजगढ़ जिले के तीन नाबालिग बच्चों ने आश्रम के आचार्य राहुल शर्मा और सेवादार अजय ठाकुर के खिलाफ यौन शोषण और अनैतिक- कृत्य की शिकायत दर्ज कराई थी। जिस पर पुलिस ने आश्रम के सेवादार अजय ठाकुर के खिलाफ लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 7, 8, 9पी और 10 के तहत प्रकरण दर्ज किया। वहीं, देवास जिले के 12 वर्षीय नाबालिग किशोर की शिकायत पर अजय आचार्य के खिलाफ लैंगिक अधिनियम की धारा 11 एवं 12 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। आचार्य राहुल शर्मा के खिलाफ धारा 377, 506 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 3, 4(2), 58, 6 के तहत प्रकरण दर्ज कर किया गया था।

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