लंदन की एक अदालत ने एक भारतीय युवक को 16 साल के कारावास की सजा सुनाई है। 25 वर्ष के श्रीराम अंबरला पर दो साल पहले एक भारतीय छात्रा की हत्या के प्रयास के आरोप हैं। पूर्वी लंदन में एक हैदराबादी रेस्तरां में महिला पर चाकू वार किया गया था। इसी आरोप में पुलिस ने अंबरला को गिरफ्तार किया था और गुरुवार को उसने ओल्ड बेली कोर्ट में अपना गुनाह कुबूल कर लिया।
हैदराबादी रेस्तरां में वेट्रेस का काम करती थी पीड़िता
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों युवक-युवती 2022 में पूर्वी लंदन विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने आए थे। यहां अंबरला उसका पीछा करने लगा। 2022 में हमले से पहले वह युवती को धमका रहा था। केरल की रहने वाली छात्रा रेस्तरां में वेट्रेस के रूप में काम करती थी। वह अपना स्नातकोत्तर पूरा कर चुकी है। दोनों पहले से एक दूसरे को जानते थे हालांकि, 2019 में दोनों अलग हो गए थे।
न्यायाधीश ने फैसले के दौरान कही यह बात
न्यायाधीश फिलिप कॉट्ज ने मामले में अंबरला को ईर्ष्यालु बताया। फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि युवती की मौत नहीं हुई, इसमें आपका कोई योगदान नहीं है। आपने तो उसे सार्वजनिक रूप से अपने हाथों से मारने का प्रयास किया ही था। अदालत ने पीड़िता से दोबारा संपर्क करने के लिए अंबरला पर प्रतिबंध लगा दिया है। अदालत को बताया गया कि अंबरला ने युवती पर हमला करने के बाद पुलिस अधिकारियों को सूचित किया कि उसने अपनी प्रेमिका को चाकू मार दिया है। बाद में उसने कहा कि वह भारत वापस जाना चाहता है, जिससे उसे मौत की सजा दी जा सके।
पीड़िता के शरीर पर नौ घाव, छह सर्जरी कराई गई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुनवाई के दौरान सीसीटीवी फुटेज और पीड़िता के शरीर पर चाकू के नौ घावों की मेडिकल रिपोर्ट भी अदालत में पेश की गई। पीड़िता की छह सर्जरी हुई। उसे लगभग एक महीने तक गंभीर देखभाल में रखा गया। अंबरला की जांच करने वाले दो फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिकों ने पाया कि वह खतरनाक अपराधी है। मनोवैज्ञानिकों ने इस तथ्य को खारिज कर दिया कि बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर के कारण हमले के दौरान उसके निर्णय में कमी आ सकती थी।