डीजल के ड्रम लेकर जा रही मेटाडोर से सिकंदरा थाने की रुनकता चौकी पर एंट्री टैक्स मांगा गया। कागजात होने के बावजूद गाड़ी सीज कर दी। तेल व्यवसायी के मुंशी को पुलिस चौकी में पीटा और
उसकी जेब से 23 हजार रुपये छीन लिए। मामला केंद्रीय मंत्री तक पहुंचने के बाद एडीजी को जानकारी हुई। एडीजी अजय आनंद ने प्रशिक्षु एएसपी मृगांक से मामले की जांच कराई। इसमें आरोपों की पुष्टि हो गई। शनिवार को एसएसपी ने चौकी प्रभारी समेत पांच पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए। जोधपुर के एक तेल कारोबारी के मुंशी मांगीराम चौधरी नौ सितंबर को भोपाल से मेटाडोर में 15 ड्रम डीजल लेकर जोधपुर जा रहे थे। इसके जीएसटी से संबंधित पेपर उनके पास थे। रुनकता पुलिस ने सुबह नौ बजे गाड़ी को रोक लिया।
एक हजार रुपये एंट्री फीस मांगी। रुपये नहीं देने पर गाड़ी को चौकी ले आए। चालक जितेंद्र को छोड़ दिया। मांगीराम चौधरी को चौकी में मौजूद सभी पुलिसकर्मियों ने डंडे से पीटा। उसकी जेब में रखे 23 हजार रुपये छीन लिए। शाम करीब चार बजे उसे छोड़ा। इतनी देर वह अवैध हिरासत में रहा। मांगीराम चौधरी ने घटना की शिकायत जोधपुर के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से की थी। तब एडीजी अजय आनंद को घटना की जानकारी मिली। एडीजी ने मांगीराम चाैधरी को ऑफिस बुलाया। उससे प्रार्थना पत्र लिया। इस पर जांच प्रशिक्षु एएसपी मृगांक को दे दी। उनकी जांच में चौकी प्रभारी अरुण सिंह, हेड कांस्टेबल अखिलेश, कांस्टेबल धर्मेंद्र, सुशील और अनिल को दोषी पाया गया। रिपोर्ट के आधार पर एडीजी अजय आनंद ने एसएसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए। शनिवार को एसएसपी ने चौकी इंचार्ज समेत दोषी पांचों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू करा दी है।