गाजियाबाद के सिहानी गेट में स्थित एक कंपनी में दो युवक कर्मचारी हैं।
- कर्मचारियों ने बताया कि वह बीते 12 सितंबर को किसी कार्य से शास्त्री नगर गए थे। वहां पर उन दोनों युवकों का किसी अन्य पक्ष से विवाद हो गया।इस विवाद को देख शास्त्री नगर चौकी प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर दोनों युवकों को हिरासत में लेकर चौकी ले गए।
- जहां पर चौकी प्रभारी ने दोनों कंपनी कर्मचारी से बदतमीजी की और रिश्वत मांगी। रिश्वत नहीं देने पर दरोगा ने दोनों को किसी केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी।
- पीड़ित दोनों कंपनी कर्मचारियों के पास एक भी रुपया नहीं था।
- जिसके बाद कंपनी कर्मचारियों ने अपने परिवार की एक महिला के पास कॉल करके दरोगा के अकाउंट में 10,000 की ऑनलाइन रिश्वत देने के लिए बोला। जिसके लिए दरोगा सहमत हो गया। रिश्वत लेने के बाद दरोगा ने दोनों पीड़ित लोगों को छोड़ दिया। इस घटना की सूचना बुधवार को सामने आई है।
- इसके बाद यह खबर प्रकाशित की गई है।कंपनी में काम करने वाले पीड़ित लोगों ने बताया कि इस मामले में उनकी कोई गलती नहीं थी। बात करने वाले लोग दबंगई दिखा रहे थे। विरोध करने पर लोगों ने बीयर की बोतल उनके पेट में घुसाने की बात भी कही थी। इस विषय पर उनकी लड़ाई हो गई। लेकिन दरोगा ने हमें झूठे केस में फंसा कर जेल में भेजने की धमकी दी।
- जिसके कारण हम डर गए और दरोगा के अकाउंट में ऑनलाइन 10,000 रुपए की ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करके इस पर दी।इस मामले में गाजियाबाद के एसएसपी कलानिधि नैथानी से बातचीत हुई है। कलानिधि नैथानी ने बातचीत में बताया कि इस मामले में अभी तक पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर पीड़ित पक्ष की तरफ से कोई लिखित शिकायत दी जाती है तो जरूर ट्रांजैक्शन करने वाले और रुपए लेने वाले व्यक्ति की अकाउंट की जांच की जाएगी।