भीषण गर्मी व उमस से जिला महिला अस्पताल में इलाज को आने वाले मरीजों के लिए यहां की बदहाल व्यवस्था मुसीबत बनी है। अस्पताल के वेटिंग हाल में न पर्याप्त पंखों की व्यवस्था है, न ही गर्भवती महिलाओं को बैठने के लिए सीट।
गर्भवती व अन्य महिलाओं को जमीन पर बैठकर डॉक्टरों का इंतजार करना पड़ रहा है। शनिवार को भीषण गर्मी में एक महिला बेहोश हो गई। उसे जमीन में लिटाकर होश में लाने का प्रयास किया गया।
जिला महिला अस्पताल के ओपीडी में हर रोज करीब छह सौ से अधिक महिलाएं इलाज कराने आती हैं। अस्पताल का प्रतीक्षालय मरीजों व तीमारदारों से भरा था। भीषण गर्मी से एक महिला बेहोश हो गई, जिसको परिजनों ने जमीन पर लिटाकर होश में लाने का प्रयास किया। हालांकि, थोड़ी देर बाद उसे होश आ गया।
प्रतीक्षालय में लगे पंखे इस रफ्तार से चल रहे थे कि उनकी हवा नीचे बैठे लोगों तक नहीं पहुंच पा रही थी। पंखों की मरम्मत की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। प्रतीक्षालय में महिलाओं को बैठने के लिए पर्याप्त सीटें न होने से उन्हें जमीन पर बैठकर डॉक्टरों व जांच का इंतजार करना पड़ रहा है। कुछ देर के लिए बिजली कटी तो परेशानी और बढ़ गई। हालांकि, जब तक जेनरेटर चलता बिजली आ गई इससे लोगों ने राहत की सांस ली।
हाथ से पंखों से मरीजों को मिल रही राहत
भीषण गर्मी व उमस से जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों का दम घुट रहा है। वार्डों में लगे पंखों की रफ्तार इतनी भी नहीं कि उसका हवा नीचे बेड पर लेटे मरीजों तक पहुंच सके। अस्पताल प्रशासन की ओर से इन पंखों की मरम्मत कराने की जहमत नहीं उठाई जा रही है, जिससे मरीजों को भीषण गर्मी से जुझना पड़ रहा है।
अधिकांश तीमारदार अपने मरीज के लिए घर से पंखा लेकर आते हैं, कुछ लोग हाथ का पंखा झलकर मरीजों को गर्मी से राहत दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।
महिला अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डॉ. इंदुबाला का कहना है कि अस्पताल में लगे पंखों की मरम्मत के लिए आदेश दिया गया है। जल्द ही वार्डों के पंखे सही हो जाएंगे तथा कुछ नए पंखे भी लगवाए जाएंगे।