बिलासपुर। Bilaspur Railway News: वेंकटनगर-निगौरा के बीच मालगाड़ी हादसे की जांच कर रेल संरक्षा आयुक्त ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन से रेलपात परीक्षण व वेल्डिंग जांच रिपोर्ट मांगी है। इस आदेश के बाद रेलपात को परीक्षण के लिए लखनऊ स्थित आरडीएसओ (अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन) भेजने का निर्णय लिया है। इसके साथ रेलपात वेल्डिंग रिपोर्ट भी भेजी जाएगी। इसमें रेलवे को बताना होगा जब रेल लाइन बिछाने के लिए अलग-अलग रेलपात जोड़े गए तो ज्वाइंट वाले स्थान का किस अधिकारी ने जांच की। जांच के बाद जो रिपोर्ट दी है। उसे भेजी जाएगी।
इस दोनों स्टेशनों के बीच पिछले दिनों पुल पर कोयला लोड एक मालगाड़ी बेपटरी हो गई थी। इस घटना में मालगाड़ी के 16 वैगन पुल से नीचे गिर गए। यह बड़ा हादसा है। यही वजह है कि रेल संरक्षा आयुक्त खुद टीम के साथ जांच करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर बिलासपुर पहुंचे थे। पहले दिन चालक, ट्रैकमेंटेनर, सेक्शन इंजीनियर से लेकर 20 से 25 अधिकारी व कर्मचारियों से पूछताछ की। दूसरे दिन घटना स्थल का मुआयना किया।
जांच के बाद वे लौट गए। उन्होंने बाद में रिपोर्ट भेजने की बात कही थी। रिपोर्ट का इंतजार कर रहे अधिकारियों में उस समय खलबली मच गई जब आयुक्त कार्यालय से यह आदेश आया कि वे रेलपात की लखनऊ स्थित आरडीएसओ में जांच कराएं। परीक्षण के बाद जो रिपोर्ट आएगी उसे भेजें। इसके अलावा रेलपात जोड़ने के बाद किस अधिकारी ने ज्वाइंट को हरी झंडी दी थी।
उसकी जानकारी और रिपोर्ट दोनों भेजनी पड़ेगी। आयुक्त का यह आदेश रेलपात में गड़बड़ी की ओर इशारा कर रहा है। हालांकि यह तब स्पष्ट होगा जब परीक्षण रिपोर्ट देखने के बाद आयुक्त नतीजे तक पहुंचेंगे। फिलहाल रेल प्रशासन रेलपात का सैंपल लखनऊ भेजने की तैयारी कर रहा है। मालूम हो कि दुर्घटना के बाद घटना स्थल से चार रेलपात हटाकर उसकी जगह पर नए लगाए गए हैं। जिस रेलपात में घटना हुई थी उसे अलग कर दिया गया था।
बीच में रोकी गई जांच
घटना को देखते हुए चार सदस्यीय जांच टीम बनाई गई थी। इसमें डिप्टी सीएसओ (यातायात), डिप्टी सीएसओ (इंजीनियरिंग) व डिप्टी सीएमई के अलावा सीनियर डीएसओ शामिल थे। इन्होंने जांच शुरू भी कर दी थी। कुछ कर्मचारियों का बयान भी दर्ज किया। पर इस टीम की जांच आधे बीच में रोक दी गई है। दरअसल ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि उच्च स्तरीय जांच (रेल संरक्षा आयुक्त) हो रही है। नियम यह कहता है कि किसी भी मामले की उच्च स्तरीय जांच होने पर स्थानीय स्तर की जांच रोक देनी है।
चार लाख में नीलाम हुआ कोयला, वैगन की तैयारी
घटना के बाद वैगन में लोड कोयला खराब हो गया। इसे समेट पाना मुश्किल था। इसलिए रेलवे ने इस कोयले को नीलाम करने का निर्णय लिया। इसकी खुली नीलामी भी हुई। इसमें शामिल अलग-अलग लोगों ने बोली लगाई। सबसे ज्यादा चार लाख रुपये की बोली लगाने वाले को कोयला दे दिया गया। हालांकि इसमें रेलवे का भारी नुकसान हुआ है। इसका आकलन तो रेलवे नहीं कर सकी है पर नीलामी से कुछ राजस्व अवश्य मिला है। जिसका कोयला था उसे तो रेलवे को पूरी राशि देनी पड़ेगी। वैगन को भी चक्के से अलग किया जा रहा है। इसकी भी नीलामी की जाएगी।
सात वैगन में नहीं था ब्रेक
मालगाड़ी हादसे की एक और वजह सामने आई है। जानकारी के अनुसार 59 वैगन की मालगाड़ी के सात से अधिक वैगन में ब्रेक ही नहीं था। मतलब गाड़ी अनफिट थी। इसके बाद भी उन वैगनों में कोयला लोड कर मालगाड़ी चला दी गई। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि घटना किस वजह से हुई है। रेल संरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट के बाद ही इसकी पुष्टि होगी। इसके बाद दोषी अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होना तय है।