सुप्रीम कोर्ट से विनोद दुआ को मिली राहत, अगले आदेश तक के लिए गिरफ्तारी पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार विनोद दुआ की गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है और कहा है कि हिमाचल प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले में 18 सितंबर को अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने बुधवार को एक अंतरिम आदेश देते हुए कहा कि मामले में अगली सुनवाई तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।

अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में कहा, ‘विनोद दुआ पर अपने YouTube कार्यक्रम, ‘द विनोद दुआ शो’ में कुछ बयान देने का आरोप हैं, जो कथित तौर पर सांप्रदायिक घृणा को उकसाने की प्रकृति के थे और शांति भंग करने और सांप्रदायिक विद्वेष के कारण हो सकते हैं।’

पत्रकार पर राजद्रोह के आरोप की जांच के संबंध में शीर्ष अदालत के समक्ष हिमाचल प्रदेश पुलिस ने पहले अपनी रिपोर्ट सीलबंद कवर में पेश की थी।

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) विकास सिंह ने दुआ के लिए अपील करते हुए, शीर्ष अदालत से कहा था कि एक पत्रकार होने के नाते अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सभी अधिकार हैं और सरकार की आलोचना करने का वैध अधिकार भी है।

आपक बता दें कि सुप्रीम कोर्ट विनोद दुआ द्वारा राजद्रोह के आरोपों के खिलाफ दायर याचिका और शिमला में उनके यूट्यूब वीडियो को लेकर दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने और केंद्र के खिलाफ सुनवाई कर रही थी।

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