हमें आज मिली है खुशी, मुख्तार की मौत पर बोला सुरक्षाकर्मी का परिवार

मुख्तार अंसारी की मौत के बाद परिजन सरकार और जेल प्रशासन पर तमाम आरोप लगा रहे हैं। वहीं, शहर से सटे मुबारकपुर और परसिया गांव में खुशी का माहौल है। 30 दिसम्बर, 1991 की सर्द रात को गांव वाले आज भी नहीं भूले हैं।

फेफना पुलिस के जवान ने गांव में पहुंचकर बताया था कि गांव का होनहार बेटा रघुवंश राय जो चंदौली में तैनात है, वह गंभीर रूप से घायल होकर वाराणसी अस्पताल में भर्ती है। परिजन उसी रात उसे वाराणसी के लिए रवाना हो गए थे। सुबह होते-होते पूरे गांव में मुख्तार के गोली मारने से जवान के शहीद होने की खबर फैल गई थी।

 मुख्तार अंसारी मुगलसराय में अपने काफिले के साथ गुजर रहा था। इसकी जानकारी होने पर तत्कालीन कोतवाल एनके जनवार अपनी टीम के साथ पहुंच गए।

मुख्तार को कोतवाली चलने को बोला, मुख्तार पुलिस जीप के पास पहुंचा, गाड़ी में न बैठकर भागना चाहा तो गाड़ी के पास मौजूद रघुंवश राय ने मुख्तार को पकड़ लिया। शरीर से मजबूत रघुवंश की पकड़ में मुख्तार के होश उड़ गए। मुख्तार व उसके गुर्गों ने पुलिस पर गोली चला दी, जिसमें रघुवंश राय को गोली लगने से शहीद हो गए। रघुवंश राय की शहादत से दो बेटे व दो बेटी की जिम्मेदारी पत्नी इंदु राय पर आ गई।

चार भाइयों में सबसे बड़े होने के कारण परिवार की पूरी जिम्मेदारी उन पर थी। उनकी मौत से पूरा परिवार टूट गया। मुख्तार की मौत की खबर सुन शहीद रघुवंश राय की वीर नारी इंदु देवी ने कहा कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं…। उसके अत्याचारों से पीड़ित सभी के परिवार वालों की आज होली होगी। 

भाजपा विधायक के काफिले पर हुई थी फायरिंग
रघुवंश राय का बड़ा बेटा आज चंदौली जिले में पुलिस विभाग में उच्च पद पर तैनात है। वहीं 29 नवंबर, 2005 को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के बसनियां चट्टी पर भाजपा विधायक के काफिले पर आधुनिक हथियारों से लैस बदमाशों ने 400 सौ से ज्यादा राउंड गोलियां चलाई थी। इमसें विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की मौत हो गई। कृष्णानंद राय की सुरक्षा में तैनात निर्भय उपाध्याय निवासी नीरूपुर थाना हल्दी की भी मौत हो गई थी। निर्भय की अभी डेढ़ वर्ष पूर्व शादी अनीता उपाध्याय से हुई थी। दोनों से दो माह की बेटी रोशनी थी।

मुख्तार की मौत का समाचार सुन अनीता ने पति की फोटो की तरफ देखते हुए आंखों में आंसू आ गए। वह आंसू को पोछते हुए बोलीं, वर्षों बाद आज खुशी मिली है। पति की मौत के बाद 19 वर्ष खून के आंसू बहाकर जिंदा हूं। शहीद निर्भय के बड़े भाई कुलदीप उपाध्याय ने बताया हमलोगों की असली होली आज है। हमारा पूरा परिवार व संगे संबधी होली मनाएंगे।

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