लखनऊ में कोरोना के 12 नए मामले आए सामने

राजधानी लखनऊ में कोरोना के 12 नए मरीज पाए जाने से हड़कंप मच गया। यह दूसरी लहर आने के बाद पहला मौका है जब लखनऊ में दहाई की संख्या में कोरोना संक्रमित मिले हैं। इसके पहले, राजधानी में शुक्रवार को कोरोना के दो नए मरीज सामने आए थे। फिलहाल दोनों मरीज होम आइसोलेशन में हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम कोविड कमांड से दोनों की निगरानी कर रही है।

डिप्टी सीएमओ डॉ. मिलिंद के मुताबिक, एक मरीज मड़ियांव आईआईएम रोड का रहने वाला है। इसने बाहर जाने के लिए कोविड टेस्ट निजी लैब से कराया था। रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जबकि दूसरा मरीज आशियाना इलाके का है। दोनों मरीजों की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिली है।

शहर में फोकस सैंपलिंग के तीसरे दिन शुक्रवार को टीमों ने निजी अस्पताल, दवा की दुकान पर जाकर नमूने लिए। एंटीजेन जांच में कोई भी पॉजिटिव नहीं मिला। डॉ. मिलिंद ने बताया कि दूसरे दिन करीब 2920 लोगों के नमूने लिए गए थे। इनमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई।

शुक्रवार को निजी अस्पताल, केमिस्ट की दुकानों से 2917 लोगों के नमूने लिए गए। इनमें 30 फीसदी का एंटीजेन टेस्ट व 70 प्रतिशत का आरटीपीसीआर टेस्ट हुआ। एंटीजेन जांच में सभी निगेटिव मिले।

लखनऊ में 88 फीसदी लोग टीके की पहली डोज ले चुके
लखनऊ में टीकाकरण अभियान में कुछ तेजी आई है। इसके बावजूद अभी भी शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य पाने के लिए करीब आधा रास्ता बाकी है। लखनऊ में 88 फीसदी लोग टीके की पहली डोज ले चुके हैं, लेकिन दोनों खुराक लेने वालों का आंकड़ा अभी 52 फीसदी के ही करीब है। टीकाकरण के मामले में सबसे खराब औसत 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग वालों का है। वहीं, 60 वर्ष आयु से ऊपर वालों की हालत भी बहुत बेहतर नहीं है।


16 जनवरी से शुरू हुआ था टीकाकरण
लखनऊ में 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू हुआ था। शुरुआत में 60 वर्ष से ऊपर तथा कुछ निर्धारित बीमारियों से जूझते लोगों के लिए ही टीकाकरण शुरू किया गया था। इसके बाद 44 साल से ऊपर के लोगों के लिए टीकाकरण की शुरुआत हुई। आखिर में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग वालों का टीकाकरण शुरू हुआ।

लखनऊ की कुल आबादी 55 लाख के करीब है। इसमें से करीब 34 लाख शहरी और 21 लाख ग्रामीण आबादी है। कुल 55 आबादी में से 18 साल से ऊपर के करीब 38 लाख लोगों का कोरोना टीकाकरण होना है। यह आबादी आठ विकास खंड तथा शहरी क्षेत्र में बांटी गई है। शहरी क्षेत्र में जहां टीकाकरण का प्रतिशत अच्छा है, वहीं गांव की हालत अभी भी खराब है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here