पत्रकार मर्डर केस में 4 संदिग्ध गिरफ्तार, पिता ने आठ पर लगाया आरोप

अररिया में पत्रकार विमल यादव की हत्या मामले में पुलिस ने 4 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। साथ ही इन चारों की निशानदेही के आधार पर अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। पत्रकार विमल यादव के पिता ने इस मामले में 8 लोगों पर नामजद FIR दर्ज करवाई थी। पूर्णिया प्रमंडल के IG सुरेश चौधरी ने कहा कि इसमें मामले में स्पेशल टीम का गठन किया गया है। 4 अलग-अलग टीम इस मामले में शामिल सभी आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। 

अररिया पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में कहा कि हत्या से पता चलता है कि “पत्रकार विमल यादव की उसके पड़ोसियों के साथ पुरानी दुश्मनी थी। आशंका है कि इसी मामले को लेकर वारदात को अंजाम दिया गया है। परिजनों का कहना है कि सुपौल जेल में बंद रूपेश ने ही हत्या की साजिश रची थी। उसने जेल से ही हत्या की सुपारी दी थी। 

इधर, पत्रकार विमल यादव के परिजनों का कहा कि 4 साल पहले यानी अप्रैल 2019 में विमल यादव के छोटे भाई गब्बू यादव की हत्या कर दी गई थी। उस वक्त गब्बू यादव बेलसरा पंचायत के सरपंच थे। विमल अपने भाई की हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। केस का स्पीडी ट्रायल चल रहा था। विमल की मुख्य गवाही होनी थी। अचानक उनकी हत्या कर दी गई। परिजनों का कहना है कि जिसने गब्बू यादव की हत्या करवाई, उसने ही विमल की हत्या की सुपारी दी है। गवाही के बाद आरोपी को डर था कि उसे उम्रकैद की सजा न हो जाए इसलिए बचने के लिए उसने ऐसा किया। 

सीएम नीतीश कुमार ने दिया था यह आश्वासन
अररिया में पत्रकार की हत्या मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है। मुझे इसकी जानकारी मिली तो मैंने तुरंत अधिकारियों को कहा कि घटना के संबंध में पता करें। यहां आने से पहले मैंने ये खबर देखी है। कैसे एक पत्रकार की इस तरह हत्या हो जाती है, अधिकारी इसको देख रहे हैं। इस मामले में शामिल सभी दोषियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी का निर्देश दिया है। 

चिराग पासवान ने लगाया था बिहार सरकार पर आरोप
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और जमुई के सांसद चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अररिया में पत्रकार को गोली मार दी गई। मुख्यमंत्री जी आपके राज में पत्रकार सुरक्षित नहीं है। पुलिस अधिकारी सुरक्षित नहीं है तो ऐसे में आम बिहारी आपसे उम्मीद ही छोड़ दी है।

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