सिंघु बॉर्डर हत्याकांड के आरोपी निहंग सरबजीत को 7 दिन का पुलिस रिमांड

सोनीपत. दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर युवक ही हत्‍या के मामले में कोर्ट ने आरोपी निहंग सरबजीत सिंह (Sarabjeet Singh) को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. पुलिस ने आरोपी को सोनीपत के सिविल जज (जूनियर डिविजन) की कोर्ट में पेश करते हुए 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ 7 दिन की रिमांड मंजूर की है.

वहीं, हरियाणा पुलिस ने निहंग सरबजीत सिंह को कोर्ट में पेश करते हुए कहा कि हत्या में प्रयुक्त हथियार अभी बरामद किए जाने हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सरबजीत ने अपने डिसक्लोजर स्टेटमेंट में चार नाम बताए हैं और पुलिस इन्हें भी ट्रैस करने में लगी हुई है. इसके अलावा हरियाणा पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पंजाब के गुरदासपुर और चमकौर जाएगी.

बता दें कि दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर पिछले 11 महीने से केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के मंच के पास शुक्रवार की सुबह एक युवक का हाथ कटा शव मिलने से हड़कंप मच गया था. वहीं, किसान आंदोलन का नेतृत्‍व कर रहे संयुक्‍त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि इस घटना को निहंगों ने अंजाम दिया है. इसके बाद शाम होते-होते रोहतक रेंज के एडीजीपी संदीप खिरवार, सोनीपत के डीसी ललित सिवाच और सोनीपत के एसपी जेएस रंधावा की कवायद के बाद सरबजीत सिंह नाम के निहंग ने पुलिस के सामने सरेंडर किया था.  रोंगटे खड़े कर देने वाली इस हत्‍या के पीछे सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी की बात सामने आयी है. यही नहीं, सरबजीत के सरेंडर से पहले निहंगों ने उसे सम्मानित करते हुए एक वस्त्र दिया और कहा कि उसने ऐसे व्यक्ति को सजा दी जिसने कथित तौर पर पवित्र ग्रंथ की बेअदबी की. निहंग सिख परंपरा के हैं और अपने नीले परिधान के लिए जाने जाते हैं और अकसर तलवार लिए होते हैं.

क्या है सरबलोह ग्रंथ ?
वहीं, इस हत्‍या के पीछे सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी का मामला बताया जा रहा है. वैसे सरबलोह ग्रंथ का शाब्दिक रूप से अर्थ ‘सर्वव्यापी धर्मग्रंथ’ है, लेकिन श्री गुरु ग्रंथ साहिब के विपरीत सरबलोह ग्रंथ कुछ हिस्सों को छोड़कर मुख्यधारा के सिख समुदाय द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है. हालांकि निहंग इसे उच्च सम्मान में रखते हैं.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, युवक पर धारदार हथियार से हमला किया गया. उसका एक हाथ कलाई से काटा गया है और गर्दन पर चोट के साथ ही शरीर पर 10 से ज्यादा चोट के निशान मिले. वहीं, उसका एक पैर भी काटा गया, लेकिन वह शरीर से अलग नहीं हो सका. जबकि रिपोर्ट में मौत का कारण चोट और ज्यादा खून बहना बताया गया है. इसके अलावा युवक को रस्सी से बांधकर लटकाया गया था. शरीर पर रगड़ने के निशान भी मिले हैं. शव का पोस्टमार्टम 2 घंटे से ज्यादा समय तक चला.

पंजाब के तरनतारण का रहने वाला था मृतक
वहीं, सोनीपत पुलिस की जांच पड़ताल में मृतक युवक की पहचान लखबीर सिंह (35 साल) के तौर पर हुई है, जो कि दलित है. वह पंजाब के तरनतारण जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था. वह मजदूरी कर पेट पालता था. यही नहीं, जब लखबीर छह महीने का था तब उसे हरनाम सिंह नाम के एक व्‍यक्ति ने गोद लिया था. लखबीर के असली पिता का नाम दर्शन सिंह था. वहीं, उसकी बहन का नाम राज कौर है. वैसे शादीशुदा लखबीर की पत्‍नी जसप्रीत उसके साथ नहीं रहती थी. दोनों की तीन बेटियां हैं, इसमें से बड़ी बेटी करीब 12 साल की है.

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