मोदी सरकार के 8 साल :  बीजेपी हुई बेहद मजबूत, 18 राज्यों में कमल

केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता में बने हुए 8 साल पूरे हो गए हैं और इस दौरान उसने कई वादों पर अमल किया है तो वहीं कुछ विवादों से भी उसका सामना हुआ है। इन सबके बीच भाजपा ने एक लंबी यात्रा भी तय की है। मोदी सरकार 2014 में जब सत्ता में आई थी तो देश में 7 राज्यों में ही भाजपा की सरकार थी, जो संख्या अब बढ़कर 18 हो गई है। यह आंकड़ा 2014 की तुलना में ढाई गुना से ज्यादा है। इससे समझा जा सकता है कि ऐंटी इनकम्बैंसी फैक्टर, किसान आंदोलन, सीएए विरोधी आंदोलन जैसे मसलों के बीच भी किस तरह भाजपा ने उत्तर भारत से लेकर दक्षिण और पूर्वोत्तर तक में अपना विस्तार किया है।

मोदी सरकार 2014 में जब केंद्र की सत्ता में आई थी तो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान समेत 7 राज्यों में ही सरकार थी, लेकिन आज देश के 18 राज्यों में भाजपा सत्ता में है। यही नहीं 2018 में तो यह आंकड़ा 21 राज्यों तक पहुंच गया था यानी देश की 70 फीसदी आबादी भारत शासित राज्यों में बसती थी। अब भले ही आंकड़ा घटकर 18 का है, लेकिन यह भी उसके लिए बड़ी सफलता है। बीते सप्ताह जयपुर में हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक को संबोधित करते हुए भी पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बात का जिक्र किया था कि यह सफलता पार्टी के लिए कितनी अहम है। 

पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि भले ही आज हमारे देश में 400 से ज्यादा सांसद हैं और 1300 से ज्यादा विधायक हैं। 18 राज्यों में हमारी सरकार है, लेकिन अब भी हमें रुकना और थकना नहीं है। यही नहीं इसी साल मार्च में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 4 राज्यों में जीत हासिल की थी, जिनमें वह पहले ही सत्ता में थी। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में लंबे समय बाद सरकारें रिपीट हुई हैं, जिसे भाजपा की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। फिलहाल हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, अरुणाचल, असम और मणिपुर समेत कई राज्यों में भाजपा की सरकार है। उत्तर भारत के पर्वतीय राज्य से लेकर पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में भाजपा सत्तासीन है। 

भाजपा ने 2024 के लिए भी शुरू की तैयारी, बनाया ‘144 फॉर्मूला’

यही नहीं पार्टी ने 2024 के लिए भी अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए उसने 144 का फॉर्मूला तैयार किया है। यानी उन 144 लोकसभा सीटों पर भाजपा ज्यादा फोकस करना चाहती है, जहां वह अब तक कमजोर रही है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में यदि उसे थोड़ा झटका भी लगता है तो वह अन्य राज्यों में बढ़त हासिल कर संतुलन बना लेगी।   

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here