प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हुए। बैठक समाप्त होने के बाद एनएसए अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और गृह मंत्री अमित शाह बाहर निकले। हालांकि, इस बैठक को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
गृह मंत्री अमित शाह का बयान
इस बैठक से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के दृढ़ संकल्प, विभिन्न एजेंसियों द्वारा सटीक खुफिया जानकारी जुटाने और भारतीय सशस्त्र बलों की अचूक मारक क्षमता का प्रतीक है। उन्होंने यह बात दिल्ली में एक नए केंद्र के उद्घाटन के दौरान कही, जिसका उद्देश्य एजेंसियों के बीच खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।
बहु एजेंसी केंद्र का उद्देश्य
इस बहु एजेंसी केंद्र की स्थापना मुंबई आतंकी हमले (26/11) के बाद खुफिया ब्यूरो के तहत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य कानून प्रवर्तन में शामिल विभिन्न हितधारकों के बीच समय पर जानकारी साझा करना है। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद से इस तरह की उच्चस्तरीय बैठकें लगातार जारी हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कड़ा संदेश
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शुक्रवार को एक सख्त बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत नहीं चाहता कि उसका आईएमएफ को दिया गया धन किसी भी तरह से पाकिस्तान या अन्य देशों में आतंकवाद के बुनियादी ढांचे के निर्माण में उपयोग हो। उनका मानना है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद आतंकवाद के वित्तपोषण के समान है।
आईएमएफ को दिया सुझाव
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत चाहता है कि आईएमएफ पाकिस्तान को दी गई एक अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करे और भविष्य में किसी भी तरह की मदद से परहेज करे। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सशस्त्र बलों ने न केवल दुश्मन को पराजित किया, बल्कि उन्हें पूरी तरह नेस्तनाबूद करने में भी सफलता पाई।