देहरादून में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां भारतीय वन सेवा (IFS) की एक महिला अधिकारी साइबर ठगी का शिकार हो गईं। ठगों ने खुद को बैंक कस्टमर केयर अधिकारी बताकर उनके क्रेडिट कार्ड से 98 हजार रुपये की खरीदारी कर ली।
ऐसे हुई ठगी
महिला अधिकारी को 25 फरवरी को आईसीआईसीआई बैंक का क्रेडिट कार्ड मिला था। ठीक एक महीने बाद, 25 मार्च को उन्हें एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बताया और कहा कि कार्ड पर सर्विस चार्ज लगा है, जिसे चुकाना होगा। अधिकारी ने कहा कि उनके कार्ड पर कोई चार्ज नहीं है, लेकिन ठग ने कहा कि यह चार्ज क्रेडिट लिमिट प्रबंधन के बाद नहीं लगता, इसलिए लिमिट प्रबंधन कराना होगा।
ठगी का तरीका
अधिकारी को संदेह हुआ, लेकिन ठग ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि बैंक कभी ओटीपी या पिन नहीं पूछता, जिससे उनका शक थोड़ा कम हुआ। ठग ने उन्हें आई-मोबाइल एप खोलने और कुछ सेटिंग बदलने के लिए कहा। इस प्रक्रिया में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सेटिंग भी बदल दी गई और कुछ समय के लिए 98 हजार रुपये की ऑनलाइन लिमिट सेट की गई।
रकम कटने का पता चलने पर हुआ खुलासा
कुछ ही देर बाद, अधिकारी के मोबाइल पर 98 हजार रुपये के खर्च होने का मैसेज आया। घबरा कर उन्होंने उसी नंबर पर कॉल किया। ठग ने बताया कि यह सिर्फ लिमिट बदलाव का मैसेज है और कोई रकम नहीं कटी। अधिकारी को इस पर भी विश्वास हो गया।
बैंक से फोन आने पर खुली पोल
बाद में बैंक से रकम जमा करने के लिए फोन आने लगे, तब अधिकारी को समझ में आया कि उनके साथ ठगी हो चुकी है। इस घटना के बाद महिला अधिकारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस जांच में जुटी
साइबर थाना पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद कैंट थाने में मामला दर्ज कर लिया है। एसएचओ कैलाश चंद भट्ट ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषियों को पकड़ने के लिए साइबर सेल भी सक्रिय है।