महाराष्ट्र के पुणे में एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) से जुड़े नेता राजेंद्र हगवणे की बहू वैष्णवी की फांसी लगाकर आत्महत्या का मामला लगातार चर्चा में है। इस मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए वैष्णवी के पति शशांक हगवणे, उसकी मां लता और बहन करिश्मा को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों पर वैष्णवी को दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने तथा आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
दहेज में मांगे गए दो करोड़ रुपये
पीड़िता के पिता अनिल कासपाटे ने बवधन पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में बताया कि शादी के समय बेटी को 51 तोले सोना, चांदी के बर्तन और एक फॉर्च्यूनर कार दी गई थी। इसके बावजूद ससुराल पक्ष की मांगें खत्म नहीं हुईं। उन्होंने वैष्णवी से दो करोड़ रुपये और लाने का दबाव डाला, ताकि संपत्ति खरीदी जा सके। जब वह ऐसा नहीं कर पाई, तो उसे धमकियां दी गईं और प्रताड़ित किया गया।
हत्या की आशंका, ससुर और देवर फरार
शिकायत में यह भी बताया गया है कि वैष्णवी के शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे परिवार का मानना है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि योजनाबद्ध हत्या हो सकती है। ससुर राजेंद्र हगवणे और देवर सुशील हगवणे फिलहाल फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है।
धमकियों की जानकारी मां को दी थी
एफआईआर के अनुसार, वैष्णवी ने अपनी मां को फोन कर बताया था कि उसके पति ने पैसों को लेकर गंभीर धमकियां दी हैं। उसने कहा था कि यदि उसके पिता ने रुपये नहीं दिए तो वह पूरे परिवार को खत्म कर देगा।
सुसाइड नोट नहीं मिला, जांच के कई पहलू
पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने पुष्टि की है कि पोस्टमॉर्टम में मौत का कारण फांसी पाया गया है, लेकिन मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। इस कारण पुलिस आत्महत्या और हत्या दोनों पहलुओं से जांच कर रही है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
इस घटना से सिर्फ पुणे ही नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता के परिवार पर लगे गंभीर आरोपों ने महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।