दिल्ली। गुरुवार को विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस वार्ता में विभिन्न विषयों पर जानकारी दी गई, जिनमें बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों की विदेश यात्रा भी शामिल है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत विश्व स्तर पर आतंकवाद के विरुद्ध अपने संकल्प को साझा कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक समुदाय को आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुट होकर कार्य करना चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों से अपील करता है कि सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए। पाकिस्तान बीते चार दशकों से भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों में संलिप्त है और उसे इसके लिए उत्तरदायी ठहराना आवश्यक है। इस उद्देश्य से सात राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल गठित किए गए हैं, जिनमें से तीन पहले ही अपनी यात्रा पर जा चुके हैं।
अफगान विदेश मंत्री ने की हमले की निंदा, द्विपक्षीय सहयोग पर सहमति
जब उनसे चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के त्रिपक्षीय संवाद के बारे में पूछा गया, तो प्रवक्ता ने इसे लेकर सीमित टिप्पणी की। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री के बीच बातचीत हुई है। इस दौरान अफगान नेता ने पहलगाम आतंकी हमले की तीखी निंदा की और भारत के साथ सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। साथ ही अफगान पक्ष ने भारत के विरुद्ध फैलाई जा रही झूठी खबरों को खारिज किया।
भारत का स्पष्ट संदेश: बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं
भारत-पाक संबंधों पर प्रवक्ता ने कहा कि भारत की नीति स्पष्ट है— किसी भी प्रकार की वार्ता तभी संभव है जब पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद करे। भारत ने पहले भी उन वांछित आतंकियों की सूची पाकिस्तान को सौंपी है, जिनकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की मांग की गई है।
प्रवक्ता ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर पर कोई भी बातचीत केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करने के संदर्भ में ही होगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार तब तक स्थगित रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद से पूर्णतया विराम नहीं देता। प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया कथन “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते” भी इस संदर्भ में उल्लेखित किया गया।
भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों की वापसी की प्रक्रिया जारी
प्रवक्ता ने बताया कि भारत में रह रहे 2369 से अधिक बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं और उन्हें निर्वासित किया जाना है। भारत ने बांग्लादेश से उनके नागरिकों की पहचान और वापसी के लिए तेजी से कदम उठाने को कहा है। इनमें से कई लोग अपनी सजा पूरी कर चुके हैं, जबकि कई के मामलों में 2020 से सत्यापन लंबित है।
तुर्किये से पाकिस्तान पर दबाव डालने की उम्मीद
तुर्किये के संदर्भ में प्रवक्ता ने कहा कि भारत को आशा है कि तुर्किये पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के समर्थन को समाप्त करने की अपील करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि सेलेबी मामले को लेकर तुर्किये दूतावास से संवाद हुआ है, लेकिन निर्णय नागरिक उड्डयन सुरक्षा से संबंधित था।
चीन को स्पष्ट संदेश, आपसी सम्मान जरूरी
रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच 10 मई को संवाद हुआ था। इस बातचीत में भारत ने सीमा पार आतंकवाद पर अपनी सख्त नीति से अवगत कराया और आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता को भारत-चीन संबंधों की बुनियाद बताया।
पाकिस्तान उच्चायोग के दो कर्मचारियों को निष्कासित किया गया
प्रवक्ता ने जानकारी दी कि पाकिस्तान उच्चायोग के दो अधिकारियों को उनकी गतिविधियों के कारण ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया गया है, जो उनके राजनयिक दायित्वों के अनुरूप नहीं थीं। इनमें से एक ने देश छोड़ दिया है, जबकि दूसरे को 24 घंटे में भारत से जाने का निर्देश दिया गया था।
विदेश मंत्रालय ने इस्राइली दूतावास हमले की निंदा की
वॉशिंगटन डीसी में इस्राइली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या पर भारत ने गहरा शोक जताया है। प्रवक्ता ने कहा कि भारत इस हमले की कड़ी निंदा करता है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाए जाने की आवश्यकता पर बल देता है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनयिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।