विदेश दौरे के बाद बदले ओवैसी के सुर, संसद में उठाएंगे सुरक्षा और लोकतंत्र के मुद्दे

ऑपरेशन सिंदूर के तहत विदेश भेजे गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भारत लौट आए हैं। उन्होंने अल्जीरिया, सऊदी अरब, कुवैत और बहरीन की यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा और पाकिस्तान के झूठे दावों को चुनौती दी।

हालांकि स्वदेश लौटने के बाद ओवैसी के तेवर फिर से घरेलू मुद्दों पर मुखर दिखाई दे रहे हैं। एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने साफ कहा कि देश की समस्याओं पर चर्चा देश के भीतर ही की जाएगी। जब एंकर ने उनसे पूछा कि भारत की वैश्विक छवि को समर्थन देने के बाद क्या वे अब भी देश में असमानता और अन्याय के आरोप लगाते रहेंगे, तो ओवैसी ने जवाब दिया, “घर की बात घर में होगी, बाहर नहीं। लेकिन अगर देश में मॉब लिंचिंग हो रही है, तो उस पर जरूर बोलेंगे।”

‘बदलेगा नहीं असदुद्दीन ओवैसी’

ओवैसी ने साफ कहा कि वह अपने विचारों और मुद्दों से पीछे नहीं हटेंगे। “अगर बकरीद के मौके पर किसी को तंग किया जाएगा या कोई मंत्री विवादास्पद बयान देगा, तो हम उस पर जरूर प्रतिक्रिया देंगे। देश की बात देश में होगी, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम गलत पर चुप रहेंगे,” उन्होंने कहा।

उन्होंने दोहराया कि वह वक्फ संशोधन विधेयक, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और तीन तलाक कानून जैसे मुद्दों पर पहले भी मुखर थे और अब भी हैं। “जब तक मेरी सांसें चलती हैं, मैं संविधान, कानून और लोकतंत्र के पक्ष में खड़ा रहूंगा,” उन्होंने कहा।

सीजफायर पर सरकार की भूमिका पर सवाल

सीजफायर की घोषणा को लेकर ओवैसी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देश को प्रधानमंत्री या राजनीतिक नेतृत्व के माध्यम से मिलनी चाहिए थी, न कि अमेरिकी राष्ट्रपति के ट्वीट से। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले की भी जवाबदेही तय होनी चाहिए और इसकी विस्तृत चर्चा संसद में होनी चाहिए।

मानसून सत्र में उठेंगे सवाल

हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने बताया कि आगामी मानसून सत्र में वह पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक और अन्य संवेदनशील विषयों पर सरकार से सवाल पूछेंगे। यदि सरकार इसे संवेदनशील विषय बताकर बहस से बचना चाहे, तो ‘इन कैमरा’ बहस का विकल्प अपनाया जा सकता है, जैसा अतीत में चीन युद्ध के दौरान हुआ था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here