मुंबई की मीठी नदी की सफाई में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े घोटाले की जांच अब बॉलीवुड अभिनेता डिनो मोरिया तक पहुंच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में शुक्रवार को डिनो मोरिया, उनके भाई और अन्य संबंधित व्यक्तियों के परिसरों पर छापेमारी की।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है। इस मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की है।
इससे पहले ईओडब्ल्यू डिनो मोरिया से दो बार पूछताछ कर चुकी है, जिसमें उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कार्यालय पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराया था। अब ईडी ने भी अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए उनके खिलाफ कदम उठाया है।
घोटाले से बीएमसी को 65 करोड़ का नुकसान
आरोप है कि मुंबई महानगरपालिका (BMC) को मीठी नदी की सफाई से जुड़े अनुबंधों में अनियमितताओं के चलते लगभग 65 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ईडी की कार्रवाई ईओडब्ल्यू की उसी प्राथमिकी पर आधारित है, जो मीठी नदी से सिल्ट हटाने में कथित गड़बड़ियों के आरोप में दर्ज की गई थी।
क्या है मीठी नदी घोटाला?
मीठी नदी घोटाला मुंबई नगर निगम द्वारा नदी की सफाई के लिए किराए पर ली गई स्लज पुशर और ड्रेजिंग मशीनों की खरीद प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है। जांच में सामने आया है कि कोच्चि की मैटप्रॉप टेक्निकल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी से ये मशीनें अत्यधिक दरों पर किराए पर ली गई थीं, जिससे बड़ी वित्तीय हानि हुई।
ईडी की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं।