एयर इंडिया हादसे के बाद बढ़ा उड़ान का डर, थेरेपी कोर्स की मांग में जबरदस्त उछाल

बेंगलुरु। अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना ने पूरे देश में विमान यात्रियों को झकझोर कर रख दिया है। 260 यात्रियों को ले जा रहे इस विमान की दुर्घटना के बाद से लोग हवाई सफर को लेकर काफी आशंकित नजर आ रहे हैं। कई यात्रियों ने अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं तो कई उड़ान से जुड़ी मानसिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

बढ़ी ‘उड़ान के डर’ से जुड़ी काउंसलिंग की मांग

भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त विंग कमांडर दिनेश के., जो बेंगलुरु स्थित “फियर ऑफ फ्लाइंग सॉल्यूशंस” नामक सेंटर संचालित करते हैं, का कहना है कि दुर्घटना के बाद उनके पास थेरेपी और प्रशिक्षण की मांग में बेतहाशा वृद्धि हुई है। वह एक विशेष 14 घंटे का सत्र कराते हैं, जिसमें उड़ान सिमुलेशन और परामर्श शामिल होता है।

वह बताते हैं कि आम दिनों में उनके पास जहां महीने में औसतन 10 के करीब पूछताछ होती थी, अब एक ही सप्ताह में 100 से अधिक लोगों ने संपर्क किया है। उनका कहना है कि उड़ान से जुड़ा डर अक्सर उड़ान के दौरान उत्पन्न होने वाली आवाजें, कंपन या गति से संबंधित होता है, और इससे निपटने के लिए ‘एक्सपोजर थेरेपी’ सबसे प्रभावी समाधान है।

टिकटों की बुकिंग में गिरावट

भारतीय पर्यटन ऑपरेटर संघ के अनुसार, विमान दुर्घटना के बाद फ्लाइट बुकिंग में 15-20% की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि 30-40% तक यात्रियों ने टिकटें रद्द कर दी हैं। संघ के अध्यक्ष रवि गोसाईं ने बताया कि अब लोग खासतौर से विमान के मॉडल के बारे में सवाल करने लगे हैं — विशेषकर ड्रीमलाइनर जैसे बोइंग विमानों को लेकर चिंता ज़ाहिर की जा रही है।

वायरल वीडियो ने डर को और बढ़ाया

12 जून को हुई इस दुर्घटना का 59 सेकंड का एक सीसीटीवी वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें विमान के टेकऑफ के तुरंत बाद नियंत्रण खोने और एक इमारत से टकराकर आग का गोला बन जाने का दृश्य देखा गया।

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस क्लिप ने आम नागरिकों में भय और चिंता को और बढ़ा दिया है। गूगल ट्रेंड्स के मुताबिक, “उड़ने का डर” शब्द के लिए सर्च ट्रेंड्स में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।

यात्रियों की मानसिक स्थिति पर असर

इस हादसे के बाद कई यात्री न सिर्फ अपनी उड़ान योजनाएं दोबारा तय कर रहे हैं, बल्कि कुछ ने पूरी तरह हवाई यात्रा से दूरी बना ली है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब अधिक लोग उड़ान के पहले परामर्श लेना चाह रहे हैं और विमान या एयरलाइन चुनने में अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं।

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