बिहार विस चुनाव से पहले बड़ा कदम: 2003 की मतदाता सूची वेबसाइट पर होगी अपलोड

बिहार में इस वर्ष के अंत में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कर रहा है। यह प्रक्रिया 2003 के बाद पहली बार अपनाई गई है। चुनाव आयोग जल्द ही वर्ष 2003 की मतदाता सूची को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक करेगा, जिससे उसमें दर्ज लगभग 4.96 करोड़ मतदाता नामांकन फॉर्म में जरूरी अंश संलग्न कर सकें।

निर्वाचन आयोग के मुताबिक, 2003 में प्रकाशित विशेष व्यापक पुनरीक्षण सूची में शामिल इन 60 प्रतिशत मतदाताओं को जन्मतिथि या जन्म स्थान प्रमाणित करने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी, बशर्ते वे सूची का प्रासंगिक भाग नामांकन के साथ संलग्न करें।

बाकी मतदाताओं को देना होगा दस्तावेज़
शेष लगभग तीन करोड़ यानी 40 प्रतिशत मतदाताओं को अपनी जन्मतिथि या जन्मस्थान की पुष्टि के लिए आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त 11 दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया के तहत प्रत्येक व्यक्ति की पहचान की जाएगी और तभी उनका नाम सूची में जोड़ा जाएगा।

पुनरीक्षण का उद्देश्य और जिम्मेदारियां
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अनुसार, विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रहे और कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो। हर विधानसभा क्षेत्र में तैनात निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) की जिम्मेदारी होगी कि पात्रता की जांच के बाद ही नामांकन स्वीकृत किया जाए।

बिहार में पिछली बार गहन पुनरीक्षण 2003 में हुआ था। वर्तमान में राज्य में 243 विधानसभा सीटों पर 7.89 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं।

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