खनन में निवेश को तैयार दिग्गज कंपनियां, सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य की 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने में खनन क्षेत्र की अहम भूमिका होगी। यह क्षेत्र अब प्रदेश में आर्थिक समृद्धि, निवेश बढ़ोतरी और स्थानीय लोगों को रोजगार देने का एक मजबूत आधार बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि पारदर्शी और स्पष्ट नीतियों की वजह से जेएसडब्ल्यू, अदाणी ग्रुप, टाटा स्टील और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी प्रमुख कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर गंभीर रूचि दिखा रही हैं।

मुख्यमंत्री रविवार को भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि बीते चार वर्षों में खनिज राजस्व में सालाना औसतन 18.14% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मुख्य खनिजों से 608.11 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ, जबकि 2025-26 में मई तक यह आंकड़ा 623 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

खनन नीति से बढ़ी पारदर्शिता, हुई सफल नीलामियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में फॉस्फोराइट, लौह अयस्क और सोना जैसे मुख्य खनिजों की सफल नीलामी की गई है। उन्होंने कंपोजिट लाइसेंस की प्रक्रिया को तेज करने, संभावित खनन क्षेत्रों की पहले से पहचान करने और भू-वैज्ञानिक रिपोर्टों की समयबद्ध तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि प्रदेश को स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स में शीर्ष स्थान दिलाने की दिशा में विभाग ने 70 से अधिक उप-संकेतकों पर कार्य किया है। सभी खनन प्रभावित जिलों में माइन सर्विलांस सिस्टम लागू किया गया है। सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि श्रेणी ‘ए’ की स्थिति हासिल करने के लिए बाकी सुधार तय समयसीमा में पूरे किए जाएं।

उपखनिज पट्टे मानसून में पूरी कराएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि उपखनिजों के नए पट्टों की प्रक्रिया मानसून काल में पूरी कर ली जाए, ताकि 15 अक्टूबर से खनन कार्य प्रारंभ हो सके। उन्होंने खनन निधि का इस्तेमाल आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना, खेल मैदानों का विकास, स्वास्थ्य सुविधाएं, कौशल प्रशिक्षण और जल एवं ऊर्जा संरक्षण जैसे जनहित के कार्यों में करने को कहा।

अवैध खनन पर सख्ती, निगरानी तंत्र होगा मजबूत

मुख्यमंत्री ने अवैध खनन, भंडारण और परिवहन पर रोक लगाने के लिए ट्रांसपोर्टरों के साथ एक प्रभावी निगरानी प्रणाली स्थापित करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि नदी के कैचमेंट क्षेत्रों में खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी और यदि ऐसा होता है तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि अब तक 57 तकनीकी रूप से सुसज्जित चेक गेट्स लगाए गए हैं और 21,477 वाहनों को ब्लैकलिस्ट किया गया है। साथ ही, 99 संभावित खनन क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिनमें से 23 स्थान खनन योग्य पाए गए हैं। 52 क्षेत्रों में बालू और मौरंग के भंडार का मूल्यांकन किया गया है। ईंट भट्ठों से विनियमन शुल्क के रूप में अब तक 70.80 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।

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