पटना के गांधी मैदान में रविवार को वक्फ कानून के विरोध में मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित एक बड़ी रैली में विपक्षी गठबंधन ‘इंडी’ के नेताओं ने कानून को रद्द करने की मांग की। इस दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव ने मंच से कहा कि यदि राज्य में उनकी सरकार बनती है, तो वक्फ अधिनियम को लागू नहीं किया जाएगा और इस कानून को “कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा।”
भाजपा का पलटवार: संविधान के प्रति अनादर
तेजस्वी यादव के इस बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा, “संसद द्वारा पारित किसी भी कानून को ‘कूड़ेदान में फेंकने’ की बात करना संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान है। यह वही मानसिकता है, जो कभी आपातकाल के समय संविधान को ताक पर रखने वालों की थी।”
क्या बिहार में शरिया कानून लागू करना चाहती है विपक्षी पार्टियां?
डॉ. त्रिवेदी ने विपक्षी दलों पर सवाल उठाते हुए पूछा, “क्या इंडी गठबंधन बिहार में शरिया आधारित व्यवस्था लागू करना चाहता है? वक्फ अधिनियम के जिस स्वरूप का विरोध हो रहा है, वह सऊदी अरब, तुर्किये या इंडोनेशिया जैसे इस्लामी देशों में भी इस प्रकार लागू नहीं है। यहां तक कि आईएसआईएस प्रभावित क्षेत्रों में भी ऐसे प्रावधान नहीं हैं।”
‘समाजवाद नहीं, यह तो वोटबैंकवाद है’
भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि राजद और समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियां गरीब और हाशिये पर खड़े मुस्लिम समुदाय की बजाय सीमित वर्ग के हितों के लिए खड़ी होती हैं। उन्होंने कहा, “ये दल समाजवाद की बात करते हैं, पर असल में इनका रुख ‘नमाजवाद’ की ओर झुका हुआ दिखता है।”
‘संविधान का अपमान सहन नहीं किया जाएगा’
त्रिवेदी ने साफ किया कि यदि कोई संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को अपमानित करने की बात करता है, तो भाजपा और एनडीए इसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए भाजपा पूरी मजबूती से खड़ी रहेगी।
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