हिमाचल में भारी बारिश का अलर्ट, शिमला में पांच मंजिला मकान गिरा

हिमाचल प्रदेश में मानसून की पहली मूसलधार बारिश ने तबाही मचा दी है। सोमवार को कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और मंडी जिलों के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया, जबकि अन्य क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट लागू है। रामपुर के सरपारा पंचायत में आधी रात बाद बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। कई मकान और मवेशी मलबे में दब गए हैं। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संवेदनशील जिलों के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों को सोमवार को बंद रखने का आदेश दिया है। मनाली और बंजार उपमंडल में भी शैक्षणिक संस्थानों की छुट्टी घोषित की गई है।

बारिश से तीन नेशनल हाईवे समेत 129 सड़कों पर यातायात ठप है। कांगड़ा, शिमला और कुल्लू एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द रहीं। भूस्खलन के चलते कालका-शिमला रेलवे ट्रैक बाधित हुआ है। सिरमौर, चंबा, बीबीएन और अन्य जिलों में सड़कें, पुल और भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं।

शिमला में जमींदोज हुआ पांच मंजिला मकान

राजधानी शिमला के भट्टाकुफर में एक पांच मंजिला भवन सोमवार सुबह ढह गया। फोरलेन परियोजना के चलते हुए निर्माण कार्य को इसका कारण माना जा रहा है। समय रहते परिवार को घर से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। मकान की नींव पर बना डंगा पहले ही कमजोर हो गया था।

छह मकानों पर भूस्खलन का खतरा, कई वाहन दबे

शहर के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन से छह मकानों को खतरा उत्पन्न हो गया है। संजौली, बीसीएस, पटयोग, खलीनी, नेरीधार आदि क्षेत्रों में डंगे दरकने और मलबा गिरने से कई वाहन दब गए हैं। नगर निगम ने शहर में सभी निर्माण और खोदाई कार्यों पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। महापौर ने स्वयं विभिन्न वार्डों का निरीक्षण कर नुकसान का जायजा लिया।

राजधानी में गहराया जलसंकट, जलापूर्ति ठप

गिरि, गुम्मा, कोटी बरांडी और चूरट जल परियोजनाओं में आई गाद के कारण शिमला में जल आपूर्ति प्रभावित है। गुम्मा परियोजना रविवार सुबह से बंद है। शहर के संजौली, मल्याणा, कैथू, खलीनी जैसे क्षेत्रों में लगातार तीसरे दिन भी पानी नहीं पहुंचा। सोमवार को भी कई क्षेत्रों में पेयजल संकट बना रहेगा।

जंजैहली में मानसून से भारी तबाही, सड़कें बंद

मंडी जिले के जंजैहली उपमंडल में भारी बारिश से लोक निर्माण विभाग की 14 प्रमुख सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं। विभाग के अनुसार, सड़कों की बहाली पर लगभग 55 लाख रुपये का खर्च आएगा। मंडी-चैल-जंजैहली, लम्बाथाच-शिलबागी और थुनाग-बन्याड मार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप है।

फोरलेन निर्माण पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि फोरलेन निर्माण के तहत गलत तरीके से की गई खुदाई से मकानों की नींव प्रभावित हुई है। प्रशासन ने इस पर संज्ञान लेते हुए मौके पर टीमें भेज दी हैं।

निष्कर्ष

हिमाचल प्रदेश इस समय प्राकृतिक आपदा के संकट से जूझ रहा है। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों तक और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे सावधानी बरतें और अनावश्यक यात्रा से बचें।

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