दोनों डोज लगा चुके लोगों को अमेरिका में मिलेगा प्रवेश

अमेरिका (US) ने कोरोना वायरस वैक्‍सीन की दोनों डोज ले चुके विजिटर्स के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं. व्‍हाइट हाउस (White House) की तरफ से शुक्रवार को ऐलान किया है कि पूरी तरह से वैक्‍सीनेटेड विजिटर्स 8 नवंबर से देश में आ सकते हैं.

तीन दिन पहले अमेरिकी मीडिया में खबरें आई थीं कि विदेशी पर्यटक जिन्‍होंने यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्‍ट्रेशन या फिर वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की तरफ से मान्‍यता प्राप्‍त वैक्‍सीन की दोनों डोज ले ली हैं, उन्‍हें नवंबर से अमेरिका आने की इजाजत है. सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के हवाले से ये खबर मीडिया की तरफ से दी गई थी.

19 महीने से लगा था बैन

कोरोना वायरस महामारी के शुरू होने पर अमेरिका ने साल 2020 में अपने बॉर्डर्स सभी पर्यटकों के लिए बंद कर दिए थे. उस समय अमेरिका की तरफ से यूरोप, भारत, ब्राजील और चीन से आने वाले लोगों की एंट्री बंद कर दी गई थी. अमेरिका ने अब करीब 19 माह बाद अपनी इस नीति को बदला है. नए सिस्‍टम के तहत ऐसे लोग जिन्‍हें वैक्‍सीन लग चुकी है और अमेरिका जाने वाली फ्लाइट में बोर्ड करने से 72 घंटे पहले कोविड निगेटिव आए हैं, उन्‍हें फ्लाइट में चढ़ने की मंजूरी होगी. जिन विदेशी पर्यटकों को वैक्‍सीन नहीं लगी है, उन्‍हें एंट्री नहीं दी जाएगी. वहीं वैक्‍सीन न लगवाने वाले अमेरिकियों को निगेटिव कोविड-19 टेस्‍ट की जरूरत होगी.

बदल जाएंगे यात्रा के नियम

8 नवंबर से अमेरिका में एयर ट्रैवल के नियम भी बदल जाएंगे. कनाडा और मैक्सिको के साथ लगे लैंड बॉर्डर को पहले ही खोलने का ऐलान किया जा चुका है. WHO की तरफ से मंजूरी हासिल करने वाली एस्‍ट्राजेंका और चीन की शिनोफार्म ग्रुप और सिनोवेक बायोटेक लिमिटेड की तरफ से तैयार वैक्‍सीन, जिसे अमेरिका ने मंजूरी नहीं दी है, इन वैक्‍सीन की डोज लेने वाले लोग भी अमेरिका जा सकेंगे. अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि अमेरिका उन लोगों का क्‍या करेगा जिन्‍होंने दो मिक्‍सड वैक्‍सीन शॉट्स यानी दो अलग-अलग वैक्‍सीन लगवाई है.

एयरलाइन कंपनियां ऐलान से खुश

20 सितंबर को पहली बार राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन की तरफ से इस कदम का ऐलान किया गया था. मगर यह नहीं बताया गया था कि नया सिस्‍टम कब से प्रभावी होगा. एयरलाइंस जिन्‍हें कोरोना वायरस महामारी के दौरान प्रतिबंधित कर दिया गया था, उन्‍होंने इस कदम की सराहना की है. अमेरिका और यूरोप के बीच उड़ने वाली ट्रांसअटलांटिक फ्लाइट्स अकेली ऐसी कंपनियां हैं जिन्‍हें सबसे ज्‍यादा फायदा हुआ है.

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