पुरानी पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों को EV में बदलने का आदेश

10 Year Old Diesel Vehicles News in Delhi : एक जनवरी को 10 साल पूरे करने वाले सभी डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के दिल्ली सरकार के एलान के कुछ दिनों बाद, राज्य का परिवहन विभाग ग्राहकों के लिए अपनी पुरानी कारों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने का विकल्प लेकर आया है। राज्य सरकार ने पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को ईवी में बदलने के लिए इलेक्ट्रिक किट के छह निर्माताओं को इम्पैनल (सूचीबद्ध) किया है। आने वाले दिनों में और निर्माताओं को पैनल में शामिल किए जाने की संभावना है। 

निर्माताओं, जिन्हें इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) द्वारा अनुमोदित किया गया है, के पास दो, तीन और चार पहिया वाहनों के लिए अलग-अलग बैटरी क्षमता और ईंधन प्रकार के इलेक्ट्रिक किट हैं। आईसीएटी देश में अग्रणी टेस्टिंग सर्टिफिकेशन, रिसर्च और डेवलपमेंट एजेंसी में से एक है। 

कितनी मिलेगी रेंज
दिल्ली सरकार द्वारा पैनल में शामिल निर्माताओं में Etrio Automobile (एट्रियो ऑटोमोबाइल) के इलेक्ट्रिक किट का इस्तेमाल पेट्रोल और डीजल दोनों चार पहिया वाहनों के लिए किया जा सकता है। यह 17.3 kW की बैटरी के साथ 106 किमी से ज्यादा की रेंज देने में सक्षम होगा। दूसरी ओर, Booma Innovative Transport Solutions Renewable (बूमा इनोवेटिव ट्रांसपोर्ट सॉल्यूशंस रिन्यूएबल) पेट्रोल दोपहिया वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक किट पेश करेगी। यह 2.016 kW की बैटरी क्षमता और 65.86 किमी तक की रेंज की पेशकश करेगा। 


कितना होगा खर्च
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पुरानी डीजल और पेट्रोल कारों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने पर बैटरी क्षमता और रेंज के आधार पर 3 लाख से 5 लाख रुपये के बीच खर्च होने की संभावना है। हालांकि, बैटरी के प्रकार और निर्माताओं के आधार पर दोपहिया और तिपहिया वाहनों की रेट्रोफिटिंग का खर्च काफी कम होगा। 

सूची में शामिल निर्माता
एट्रियो और बूमा के अलावा, 3EV Industries (3ईवी इंडस्ट्रीज), Zero 21 Renewable Energy Solutions (जीरो 21 रिन्यूएबल एनर्जी सॉल्यूशंस) और VELEV Motors India Pvt Ltd (वीईएलईवी मोटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) हैं जिन्हें सूची में शामिल किया गया है। 


दिल्ली सरकार का आदेश
पुरानी कारों को ईवी में बदलने का विकल्प ग्राहकों को दिल्ली एनसीआर में 10 साल और 15 साल से अधिक पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा लागू प्रतिबंध से प्रभावित नहीं होने में मदद करेगा। एनजीटी प्रतिबंध के अनुपालन में, दिल्ली सरकार अगले साल एक जनवरी को 10 साल पूरे करने वाले सभी डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द कर देगी। इन वाहनों को अन्य राज्यों में फिर से पंजीकृत करने के लिए यह अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) भी जारी करेगी। 

कितने वाहन होंगे प्रभावित
दिल्ली एनसीआर में करीब 1.5 लाख डीजल वाहन हैं जिन्होंने 10 साल पूरे कर लिए हैं। जबकि 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या 28 लाख से कहीं ज्यादा है।

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