उत्तराखंड में भोजनमाता की नियुक्ति पर विवाद, मुख्यमंत्री ने दिए जाँच के आदेश

राइंका सूखीढांग में भोजनमाता नियुक्ति के विवाद का संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीआईजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। चल्थी पुलिस चौकी प्रभारी देवेंद्र बिष्ट ने शुक्रवार को विद्यालय में जाकर विवाद की जानकारी जुटाई है। हटाई गई एससी वर्ग की भोजनमाता ने भी डीएम से मामले की शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।

शिक्षा विभाग और प्रशासन में खलबली
राइंका सूखीढांग में भोजनमाता की नियुक्ति का मामला विवादित हो गया था। पहले सामान्य जाति की महिला का चयन होने के बाद कॉलेज प्रशासन ने कथित तौर गुपचुप तरीके से एससी महिला को भोजनमाता नियुक्त किया था। विवाद इतना बढ़ गया कि स्कूल में पढ़ रहे सामान्य जाति के बच्चों ने भोजनमाता के हाथों पका भोजन खाना छोड़ दिया। मामला उजागर हुआ तो शिक्षा विभाग और प्रशासन में खलबली मच गई थी।

अपर शिक्षा निदेशक बेसिक, सीईओ, बीईओ की जांच के बाद भोजनमाता की नियुक्ति रद्द कर दी गई है। विवाद बढ़ने पर कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मामले में प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया था। इधर अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले का संज्ञान लेकर डीआईजी को मामले की जांच करा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कहा कि दुष्प्रचार करने वालों पर भी नजर रखी जाए।

नए सिरे से भोजनमाता की नियुक्ति होगी
मामले की जांच में आए एडी बेसिक अजय नौटियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित और बीईओ अंशुल बिष्ट ने जांच कर भोजनमाता की नियुक्ति को अवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है। अब जल्द विज्ञप्ति जारी कर नए सिरे से भोजनमाता की नियुक्ति होगी।भोजनमाता की नियुक्ति प्रक्रिया में पहले सामान्य जाति की महिला और फिर अनुसूचित जाति की महिला को भोजन माता नियुक्त किए जाने से खासा विवाद पैदा हो गया था। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) और पीटीए की ओर से पहले परित्यक्ता महिला पुष्पा भट्ट को भोजनमाता नियुक्त किया गया था।

इससे पहले कि पुष्पा कार्यभार संभालतीं, विद्यालय प्रशासन ने कथित तौर पर गुपचुप तरीके से अनुसूचित जाति की महिला सुनीता देवी को भोजनमाता नियुक्त कर उसे कार्यभार भी सौंप दिया। इसका पता चला तो पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र जोशी व अभिभावक नियुक्ति के विरोध में खड़े हो गए। वहीं एससी महिला को भोजनमाता बनाए जाने से सवर्ण जाति के बच्चों ने स्कूल में उसके हाथ का बनाया भोजन खाना बंद कर दिया। मामला उजागर हुआ तो प्रशासन और शिक्षा विभाग हरकत में आया। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here