आम आदमी पार्टी ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की

मुजफ्फरनगर। आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता जीआइसी मैदान में तिरंगे के नीचे इकठ्ठा हुए और वहाँ से जूलूस के रूप में कचहरी पहुंच कर प्रदर्शन कर उन्होंने राज्यपाल के नाम ज्ञापन भेजा। इस अवसर पर जि़ला अध्यक्ष अरविन्द बालियान ने कहा कि पिछले 10 महीने से देश का अन्नदाता किसान धरने पर बैठा हुआ है। 650 किसानों ने या तो आत्महत्या की है या गोलियों से भून दिया गया है। आम आदमी पार्टी देश की सरकार से एक ही मांग करती है कि इन तीनों काले कानूनों को वापस लिया जाए।

उन्होंने कहा कि दरअसल, ये काले कानून किसानों की मौत का फरमान है। इसमें पूंजी पतियों को फसलों के असीमित भंडारण के अधिकार दिए गए हैं। इसके चलते जमाखोरी और कालाबाजारी बढ़ेगी और आम अन्नदाता किसानों की स्थिति सुधारने की जगह पूंजीपतियों के खजाने में वृद्धि होगी। इन कानूनों के तहत की गई कांट्रैक्ट फार्मिंग की व्यवस्था से एक तरह से जमीदारी प्रथा की फिर से वापसी हो जाएगी।

किसान प्रकोष्ठ के जि़ला अध्यक्ष नितिन बालियान ने कहा कि किसान चाह कर भी अपने खेतों पर अपने मनमाफिक खेती नहीं कर सकेगा। इन कानूनों के आलोक में किसानों को अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल पाना भी संभव नहीं दिख रहा। इन्हीं आशंकाओं को लेकर देशभर में अन्नदाता इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसान अपने अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार इन किसानों के संघर्ष का सम्मान करने की जगह उन्हें खालिस्तानी, पाकिस्तानी, गुंडा और मवाली कहकर लगातार अपमानित करने का काम कर रही है। कभी उनके सामने कंटीले तार लगाए जाते हैं, तो कभी लाठियां बरसा कर उनके आंदोलन को दबाने की कोशिश हो रही है। इसी क्रम में कुछ दिन पहले केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र का एक आपत्तिजनक बयान आया, जिसमें उन्होंने आंदोलनकारी किसानों को चेतावनी देते हुए आंदोलन खत्म करने के लिए कहा था। केंद्रीय मंत्री की धमकी से गुस्साए किसानों ने उनके गांव में आयोजित उपमुख्यमंत्री के कार्यक्रम के मौके पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी। किसान विरोध जताने के लिए जब जमा थे तभी केंद्रीय राज्य मंत्री के समर्थकों की गाडिय़ों का काफिला उनके बीच से गुजरा, जिसमें एक वाहन द्वारा दुस्साहसिक ढंग से प्रदर्शनकारियों को कुचल दिया गया। सूचना मिल रही है कि केंद्रीय राज्यमंत्री का बेटा उस गाड़ी में सवार था और उक्त वाहन द्वारा रौंदकर 4 आंदोलनकारी किसानों की हत्या में उसकी संलिप्तता है।

उन्होंने कहा कि यह घटना अंग्रेजी शासन की ज़ुल्म ज्यादती को भी पीछे छोडऩे वाली है। आजादी के 75 साल बाद भारतीय जनता पार्टी के शासन में घटी इस घटना ने पूरे लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया है। लग रहे आरोपों के मुताबिक 4 किसानों को केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा अपनी गाड़ी से रौंदकर मार देना, उसकी निगाह में किसान की कीमत जानवर से भी कमतर होने का बोध कराता है। ऐसा प्रतीत होता है कि उसकी नजऱों में देश के अन्नदाताओं की कीमत किसी भुनगे से ज्यादा नहीं है। इस दिल दहला देने वाली घटना से पूरा देश सन्न है। ऐसे में आम आदमी पार्टी इस मामले का संज्ञान लेकर आपसे उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने की अपील करती है। हमारी मांग है कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराते हुए आप दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा दिलाएं। चूंकि प्रकरण में आरोप केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे पर लग रहे हैं ऐसे में आमजन के संवैधानिक अधिकारों के रक्षक के रूप में आप इस प्रकरण का संज्ञान लेकर यह सुनिश्चित करें कि आम जनता का विश्वास लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति बना रहे। मारे गए किसानों के आश्रितों को उचित मुआवज़ा दिलाने के साथ आप उनके आश्रितों को न्याय दिलाएं। किसानों की मौत का वारंट बन गए तीनों काले कानूनों की वापसी के लिए केंद्र सरकार पर भी दबाव बनाएं। मामले में हत्यारों को गिरफ्तार करके सख्त से सख्त सज़ा दी जाए।      

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here