माफिया मुख्तार की मौत के बाद जेल से बाहर आया अब्बास अंसारी

उत्तर प्रदेश में कासगंज की पचलाना जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी को तीन दिन की पैरोल मिली है। यह पैरोल उसे पिता मुख्तार अंसारी के फातिहा कार्यक्रम शामिल होने के लिए मिली है। मंगलवार की देर शाम 7.40 बजे अब्बास को कड़ी सुरक्षा में जेल से गाजीपुर के लिए रवाना किया गया। बुधवार को वह फातिहा कार्यक्रम में भाग लेगा

अब्बास के पिता मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। पिता की मौत पर अब्बास को जनाजे में शामिल होने के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाली गई, लेकिन अनुमति नहीं मिली। अब फातिहा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने 10, 11 और 12 अप्रैल के लिए पेरोल स्वीकृत की। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जेल प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने अब्बास को गाजीपुर ले जाने के लिए सुरक्षा के प्रबंध सुनिश्चित किए। अब्बास बंदियों के वाहन में था। उसके वाहन के आगे पीछे पुलिस की गाड़ियां लगाई गईं। इसमें उप निरीक्षक के अलावा हेड कांस्टेबल और आरक्षी मौजूद रहे।

कड़ी सुरक्षा के बीच अब्बास को देर शाम गाजीपुर के लिए रवाना किया गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश थे कि शाम 5 बजे के बाद अब्बास को पर्याप्त सुरक्षा के साथ ले जाया जाए। अब्बास के स्थानीय अधिवक्ता केशव मिश्रा ने इस संबंध में मीडिया को जानकारी दी।

सुरक्षा के साथ आगंतुकों से हो सकेगी मुलाकात

अधिवक्ता केशव मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बारे में बताया कि 10 अप्रैल को फातिहा की रस्म में अब्बास हिस्सा लेगा। इसके बाद कोई और रस्म न होने पर उसे गाजीपुर जेल में रखा जाएगा। जब कोई कार्यक्रम होगा तो वह उसमें शामिल होगा। परिवार व आगंतुकों से मिलने की अनुमति रहेगी, लेकिन अब्बास से मिलने वाले व्यक्ति की सघन तलाशी होगी। मीडियाकर्मियों से बातचीत न करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक बंदी अब्बास को सुरक्षा के बीच गाजीपुर रवाना किया गया है। न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। तीन दिन की पेरोल पर गाजीपुर के लिए रवाना किया गया है। -राजेश भारतीय, एएसपी

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