2 साल 2 महीने और 7 दिन बाद फिर उसी काल कोठरी की तन्हाई में मुख्तार

बाहुबली विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को बुधवार भोर ब्रह्ममूर्त में बांदा मंडल कारागार लाया गया। कटीले तार से घिरी बैरक नंबर 15 उनका नया पोस्टल एड्रेस हो गया है। उन्हें लाने गई स्पेशल टीम का काफिला बाईपास पहुंचते ही कारागार छावनी में तब्दील हो गया था। एक ओर से जेल रोड बैरियर से पूरी तरह ब्लॉक कर दी गई थी। एंबुलेंस और स्पेशल टीम की चार गाड़ियों को ही कारागार बाउंड्री के अंदर प्रवेश दिया गया। 

25 माह 16 दिन बाद मुख्तार पंजाब की रोपड़ जेल में रहे। इससे पहले बांदा मंडल कारागार ही उनका ठिकाना था। पंजाब शिफ्ट से पहले बांदा कारागार में 21 माह 18 दिन रह चुके थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बांदा से रवाना पुलिस की स्पेशल टीम मंगलवार दोपहर दो बजकर छह मिनट पर मुख्तार को कड़े सुरक्षा के बीच रोपड़ जेल से लेकर निकली। तीन राज्यों की सीमा और 881.1 किलोमीटर का सफर तयकर सुबह ब्रह्ममूर्त सुबह के ठीक साढ़े चार बजे स्पेशल टीम की चार गाड़ियों और एंबुलेंस में सवार मुख्तार अंसारी ने बांदा मंडल कारागार बाउंड्री गेट के अंदर घुसी। वहीं, स्पेशल टीम के काफिले की अन्य गाड़ियों को पुलिस लाइन के पास ही रोक दिया गया। सुरक्षा इंतजाम को देखते हुए कारागार को स्पेशल टीम के बांदा की सीमा पर पहुंचने से घंटेभर पहले ही कारागार को छावनी में तब्दील कर दिया गया। स्पेशल टीम मुख्तार को लेकर हमीरपुर के भरुआसुमेरपुर के बाद बीहड़ पारकर सुबह तीन बजकर 36 मिनट पर जसपुरा पहुंची, तभी कारागार में भीड़ को काबू करने के लिए रस्सा और बैरियर लगाना शुरू कर दिया गया था। टीम के तीन बजकर 52 मिनट पर पैलानी पहुंचते ही फोर्स ने एक ओर से जेल रोड बैरियर से पूरी तरह सीलकर कारगार को घेर लिया। टीम मुख्तार को लेकर सुबह सात बजकर सात मिनट पर पपरेंदा पहुंची। यहां से सीधे मवई बाईपास, महाराणा प्रताप चौक से पुलिस लाइन रोड होते हुए मंडल कारागार पहुंची। 

मुख्तार अंसारी को सुबह ठीक साढ़े चार बजे मंडल कारागार पंहुचाने के बाद सुबह पांच बजकर 13 मिनट पर एक-एककर स्पेशल टीम की चारों गाड़ियां बाहर निकलीं। कारागार में पहुंचाने और बाहर निकलने के बीच के 43 मिनट स्पेशल टीम को जेल मैन्युअल पूरे करने में लगे।

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