दिल्ली पुलिस की FIR के बाद ग्रेटा थनबर्ग ने फिर किया ट्वीट, कहा- मैं अभी भी किसानों के साथ खड़ी हूं

किसान आंदोलन को लेकर अचानक ग्लोबल सेलिब्रिटीज के ट्वीट (Tweet) ने यह तय कर दिया है कि ये भारत के खिलाफ सोची समझी साजिश है. इसके कुछ सबूत भी मिले हैं. इसी बीच भारत के खिलाफ प्रोपोगेंडा फैलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग पर FIR दर्ज की है. ग्रेटा थनबर्ग पर्यावरण से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए मशहूर हैं. लेकिन अब भारत में वह किसान आंदोलन की आड़ में देश के खिलाफ प्रोपोगेंडा चलाने के लिए जानी जानें लगी हैं.

हाल ही में ग्रेटा के एक ट्वीट ने बता दिया कि भारत के खिलाफ साजिश रचने के लिए एक सोची समझी प्लानिंग की गई थी. इसके कुछ सबूत भी मिले हैं. पता चला है कि भारत के खिलाफ कैंपेनिंग का पूरा एक्शन प्लान तैयार किया गया था. इसमें पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का नाम भी आया है, जो कि कनाडा का एक एनजीओ है.

ग्रेटा ने ट्वीट किया एक्शन प्लान

पूरी योजना का जो एक्शन प्लान है उसका एक गूगल डॉक्यूमेंट सामने आया है. यह भी पता चला है कि ट्विटर स्ट्रोम क्रिएट करने की योजना के तहत ही रिहाना का ट्वीट आया था. दरअसल, ग्रेटा थनबर्ग ने दो प्लान ऑफ एक्शन ट्वीट किए थे. एक एक्शन प्लान में 26 जनवरी तक की कैंपेनिंग प्लानिंग दी गई थी. ग्रेटा ने इसे 3 फरवरी को ट्वीट किया और फिर डिलीट कर दिया. 4 फरवरी को ग्रेटा ने दूसरा ट्वीट किया, जिसमे रिवाइज्ड प्लान ऑफ़ एक्शन है.

1984 के दंगों का भी दिखाया गया डर

सोशल मीडिया पर प्लानिंग का पावर पॉइंट भी वायरल है. पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन में पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का लोगो लगा हुआ है. पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन कनाडा का एक एनजीओ है. पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन की वेबसाइट पर किसानों से जुड़े प्रोपगैंडा मटेरियल की भरमार है. जानकारी के मुताबिक, उनकी सोशल मीडिया साइट्स पर एंटी-नेशनल, प्रो-खालिस्तान सामग्री मिली है.

POETIC JUSTICE FOUNDATION किस तरह लोगों को भड़का रहा था उसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं. लिखा गया है कि सरकार किसानों की जान ले रही है. 1984 में हुए दंगों का डर भी दिखाया गया कि सरकार किसानों के दमन के लिए फिर ऐसा कुछ कर सकती है.

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