‘किसान महापंचायत’ स्थल पर तोड़फोड़ के बाद बोले CM खट्टर- ‘ये किसानों का स्वभाव नहीं, कांग्रेस-कम्युनिस्टों ने भड़काया’

हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव में प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम स्थल पर रविवार को तोड़फोड़ की, जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के ‘लाभ’ बताने वाले थे. हरियाणा पुलिस ने किसानों को कैमला गांव की ओर मार्च करने से रोकने के लिए पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े. हालांकि पुलिस द्वारा किए गए सुरक्षा इंतजामों के बावजूद प्रदर्शनकारी किसान कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए और उस अस्थायी हेलीपैड को क्षतिग्रस्त कर दिया जहां खट्टर का हेलीकॉप्टर उतरना था. बाद में प्रदर्शनकारी किसानों ने हेलीपैड को अपने नियंत्रण में ले लिया और वहां बैठ गए. कुछ प्रदर्शनकारियों ने हेलीपैड की टाइल भी उखाड़ दी. इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी.

खट्टर ने कहा, ‘आंदोलन करने वाले नेताओं से एक दिन पहले बातचीत हो गई थी और फिर सहमति बनी थी कि वे सांकेतिक विरोध करेंगे, लेकिन कोई बवाल नहीं करेंगे. रैली में 5 हजार लोग उपस्थित थे. हमारे देश में एक मजबूत लोकतंत्र है और सभी को बात करने का अधिकार है. हमने किसान नेताओं के बयानों, आंदोलनों को नहीं रोका. किसान का यह स्वाभव नहीं हो सकता है. इस तरह की घटना से उसकी बदनामी हुई है.’

उन्होंने कहा कि अगर मुझे इसके लिए किसी को जिम्मेदार ठहराना है, तो गुरनाम सिंह चढ़ृनी (भारतीय किसान यूनियन प्रमुख) का एक वीडियो कल से घूम रहा है. उन्होंने लोगों को उकसाने का काम किया है. इस आंदोलन के पीछे कांग्रेस, कम्युनिस्टों का बड़ा हाथ है. कांग्रेस के बयान उकसाने वाले आ रहे हैं. जो नेता बातचीत में जाते हैं, वे सभी कम्युनिस्ट विचारधारा वाले हैं. अगर ये सभी सोच रहे हैं कि इसके बल पर पैर जमा लेंगे तो इन्हें भूल जाना चाहिए.

बता दें कि किसानों ने मंच को क्षतिग्रस्त करके, कुर्सियां, मेज और गमले तोड़कर ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम को बाधित किया. इस दौरान पथराव भी किया गया. नाराज किसानों में मुख्य तौर पर युवा शामिल थे और उन्होंने मंच, टेंट और कार्यक्रम स्थल पर लगाये गए स्पीकर क्षतिग्रस्त कर दिये. इन लोगों ने भाजपा के होर्डिंग फाड़ दिये और पुलिसकर्मियों की मैाजूदगी में बैनर उखाड़ दिये. भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के बैनर तले किसानों ने पहले किसान महापंचायत का विरोध करने की घोषणा की थी. किसान मांग कर रहे हैं कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.

उधर, भाजपा नेता रमण मलिक ने कहा, ‘BKU नेता गुरनाम सिंह चरूनी के इशारे पर किसानों के हुड़दंगी व्यवहार के कारण कार्यक्रम रद्द कर दिया गया.’ पुलिस ने गांव में मुख्यमंत्री के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे. इस गांव में खट्टर लोगों को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के ‘फायदे’ बताने वाले थे. पुलिस महानिदेशक (अपराध) मोहम्मद अकिल भी मौके पर मौजूद थे.

इससे पहले काले झंडे लिए हुए प्रदर्शनकारी किसानों ने भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कैमला गांव की ओर मार्च करने की कोशिश की. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने से रोकने के लिए गांव के प्रवेश बिंदुओं पर बैरीकेड लगाये थे. हालांकि किसानों ने कैमला रोड पर घरौंदा पर लगाये गए बेरिकेड पार कर लिये. पुलिस ने किसानों को कैमला गांव में प्रवेश करने से रोकने के लिए एक सड़क पर बालू लदे कई ट्रक भी खड़े किये थे. करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पूनिया ने भी आंदोलनकारियों को शांत करने का प्रयास किया लेकिन यह भी प्रयास व्यर्थ रहा.

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