देशद्रोही छात्रों का मुकदमा नही लड़ेंगे आगरा के वकील

टी-20 विश्वकप में भारत के खिलाफ पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जीत पर जश्न मनाने वाले कश्मीरी छात्रों का केस आगरा के वकील नहीं लड़ेंगे। आगरा एडवोकेट्स एसोसिएशन, जनपद बार एसोसिएशन, अधिवक्ता सहयोग समिति के पदाधिकारियों ने कश्मीरी छात्रों की देश विरोधी गतिविधि की कड़ी निंदा की है। साथ ही किसी भी तरह से उनकी कानूनी सहायता करने से साफ इनकार कर दिया है।  

युवा अधिवक्ता संघ के मंडल अध्यक्ष नितिन वर्मा ने कहा कि भारत का संविधान सभी को साथ रहने की आजादी प्रदान करता है। इसका मतलब यह नहीं कि कोई भी व्यक्ति देश विरोधी कृत्य करे। आरोपी छात्रों को कानूनी सहायता नहीं दिलाई जाएगी। आगरा एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि छात्रों को इस तरह का कृत्य नहीं करना चाहिए। उन्हें पढ़ाई पर ध्यान लगाना चाहिए। 

पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जीत पर कश्मीरी छात्र अरशीद यूसुफ, इनायत अल्ताफ शेख और शौकत अहमद गनी ने व्हाट्सएप पर स्टेट्स लगाया था। आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाया। देश विरोधी नारेबाजी की। कश्मीर के बड़गाम और बांदीपोरा के रहने वाले तीन छात्र आगरा के एक कॉलेज में पढ़ते हैं। मामला सामने आने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने तीनों को निलंबित कर दिया। 

थाना जगदीशपुरा में तीन आरोपी छात्रों के खिलाफ साइबर आतंकवाद और राजद्रोह की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों को बृहस्पतिवार को कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद जेल भेज दिया गया। आरोपी कश्मीरी छात्रों जिला जेल की विशेष बैरक में रखा गया है। यह बैरक अन्य बंदियों की बैरक से अलग है। नजर रखने के लिए चार बंदीरक्षकों को तैनात किया है। 

राजद्रोह के आरोपी इनायत के चाचा रियाज शुक्रवार को आगरा पहुंचे। कॉलेज पहुंचकर जानकारी ली। हालांकि उनकी किसी अधिकारी से मुलाकात नहीं हो सकी। वह थाना जगदीशपुरा भी गए। अन्य छात्र के परिजन भी जम्मू-कश्मीर से चल दिए हैं। 

मुलाकात होना मुश्किल
बंदियों से मुलाकात के लिए परिजनों का सत्यापन कराया जाता है। इसके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होता है। इसके बाद जेल में मुलाकात की तारीख मिलती है। ऐसी स्थिति में परिजनों की आरोपियों से शनिवार को मुलाकात मुश्किल है।

ये हुआ घटनाक्रम
24 अक्तूबर : आरबीएस इंजीनियरिंग संस्थान में पढ़ने वाले तीन छात्रों ने पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाया।
25 अक्तूबर : कॉलेज प्रबंधन को जानकारी हुई। कमेटी की रिपोर्ट के बाद तीनों को निलंबित कर दिया गया। 
26 अक्तूबर : कॉलेज के बाहर हंगामा हुआ। इसके बाद थाना जगदीशपुरा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
27 अक्तूबर : पुलिस ने आरोपी छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। 
28 अक्तूबर : तीनों छात्रों को कोर्ट में पेश किया। पुलिस की मौजूदगी में हंगामा हुआ। आरोपियों को जेल भेजा।

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