आगरा: व्यक्ति ने अपने बेटे-बहू, नाती और नातिन को जिंदा जलाने की कोशिश की

आगरा में एक व्यक्ति ने अपने बेटे-बहू, नाती और नातिन को जिंदा जलाने की कोशिश की। उसने बेटे के कमरे में ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी। इसके बाद कमरे की कुंडी बंद करके भाग गया। चीखें सुनकर आए परिवार के अन्य लोग और ग्रामीणों ने किसी तरह उनको बाहर निकाला। सभी का निजी अस्पताल में उपचार कराया। सोमवार को उन्हें जयपुर के लिए रेफर कर दिया गया। पति-पत्नी 60 प्रतिशत और बच्चे 30 प्रतिशत तक झुलस गए हैं।

घटना थाना ताजगंज क्षेत्र के गांव तोरा की है। यहां कारपेंटर संदीप (26), उनकी पत्नी अर्चना (25), बेटी आराध्या (5) और बेटे सिब्बू (3) को रविवार रात घर में जिंदा जलाने की कोशिश की गई। आरोप संदीप के पिता कन्हैया पर ही है। घटना के बाद से आरोपी फरार है। पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश की जा रही है। घटना के पीछे गृह क्लेश ही वजह सामने आई है। फिलहाल परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है।

थाना ताजगंज

थाना ताजगंज के प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र बालियान ने बताया कि रविवार रात को संदीप, उनकी पत्नी अर्चना और दोनों बच्चे अपने कमरे में सो रहे थे। संदीप की दो बहनें छत पर थीं। रात तकरीबन डेढ़ बजे पिता कन्हैया ने ज्वलनशील पदार्थ डालकर संदीप के कमरे में आग लगा दी। कमरे की कुंडी बाहर से बंद करके भाग गया। आग की चपेट में संदीप और उसका परिवार आ गया। शोर सुनकर परिवार के अन्य लोग और ग्रामीण आ गए। उन्होंने दरवाजा खोलने के बाद पानी डाला। इस पर आग बुझाई जा सकी। चारों को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच कन्हैया घर से फरार हो गया।

पीड़ित महिला

पुलिस को परिवार के लोगों से पूछताछ में पता चला कि कन्हैया का बेटे संदीप से आए दिन विवाद होता रहता था। संदीप की शादी छह साल पहले फिरोजाबाद की अर्चना से हुई थी। वह पत्नी के साथ अक्सर मायके जाता था। यह बात पिता को बुरी लगती थी। पर, किसी ने यह नहीं सोचा था कि पिता बेटे को पूरे परिवार सहित जिंदा जलाने की कोशिश करेगा। 

आरोप है कि कन्हैया नशे का भी आदी है। घटना के समय भी उसने शराब पी रखी थी। शराब पीकर आने पर ही उसका बहू अर्चना से विवाद हो गया था। संदीप बीच-बचाव कराने आया, लेकिन उसने पत्नी अर्चना का ही पक्ष लिया। इससे कन्हैया बौखला गया। उसने अपनी बेटियों को छत पर सोने के लिए भेज दिया था।  

अस्पताल में भर्ती पीड़ित युवक

गांव तोरा में जिस मकान में कन्हैया अपने बच्चों के साथ रहता है, उसमें उसके चार और भाई रहते हैं। मगर, सबके हिस्से और रास्ते अलग-अलग हैं। रात में संदीप के कमरे से आवाज आने पर सभी दौड़ पड़े थे। संदीप, उसकी पत्नी और बच्चे कमरे से चीख रहे थे। लोगों ने कमरे के अंदर का दृश्य देखा तो सहम गए। समय रहते आग को बुझा दिया गया। इसके बाद चारों को परिवार के लोग अस्पताल ले गए, जिससे परिवार की जान बच गई। हालांकि संदीप और उसकी पत्नी 60 प्रतिशत जले हैं। वहीं दोनों बच्चे 30 प्रतिशत झुलसे हैं। 

घर के बाहर खड़े ग्रामीण

रात में ग्रामीणों ने पुलिस को भी सूचना दी थी। इस पर पीआरवी पहुंच गई थी। पुलिस ने कन्हैया की तलाश की, लेकिन वो नहीं मिला। मगर, तलाशी में घर में तीन बोतल मे पेट्रोल मिला। आशंका जताई जा रही है कि पेट्रोल डालकर ही कन्हैया ने घर में आग लगाई है। इसके लिए उसने पहले से भी योजना बना रखी थी। ग्रामीणों ने बताया कि वह काफी समय से अपनी बाइक की टंकी फुल करा रहा था। कोई उसका पीछा नहीं कर सके, इसके लिए अपने भतीजे की बाइक का प्लग भी निकाल दिया था।

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