नए किसान कानूनों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान कानूनों के प्रावधान पर अगर कोई भी किसान संगठन आधी रात को भी बात करता है तो सरकार उसके लिए तैयार है। तोमर ने कहा कि किसान कानून वापस लेने की बात को छोड़ अगर किसान संगठन किसान कानूनों के एक्ट पर बात करना चाहते हैं तो सरकार उसके लिए तैयार है।
इससे पहले भी कृषि मंत्री ने कहा था कि सरकार विरोध कर रहे किसानों के साथ बातचीत करने को फिर से शुरू करने को तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने किसान संगठनों से तीनों कृषि कानूनों के प्रावधानों में कहां आपत्ति है ठोस तर्क के साथ अपनी बात बताने को कहा था।
बता दें कि सरकार और यूनियनों ने गतिरोध खत्म करने और किसानों के विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए 11 दौर की बातचीत की है, जिसमें आखिरी वार्ता 22 जनवरी को हुई थी। 26 जनवरी को किसानों के विरोध प्रदर्शन में एक ट्रैक्टर रैली के दौरान व्यापक हिंसा के बाद बातचीत रुक गई थी।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में 6 महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान डेरा डाले हुए हैं, जो मुख्यत: पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं। इन किसानों को आशंका है कि नए कृषि कानूनों के अमल में आने से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की सरकारी खरीद समाप्त हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा रखी है और समाधान खोजने के लिए एक समिति का गठन किया है।