राजधानी दिल्ली व एनसीआर में वायु प्रदूषण ख़तरनाक स्थिति में पहुंच गया है। शुक्रवार को दिल्ली का प्रदुषण 450 स्तर पर था नॉएडा में यह 445 पर था सबसे कम प्रदुषण फरीदाबाद में 373 नोट किया गया। प्रदुषण की भयंकर स्थिति को देखते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने आपातकालीन बैठक बुलाई है। नॉएडा में पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक ऑनलाइन पढ़ाई का आदेश जारी हुआ है। राजधानी क्षेत्र में डीजल चालित बड़े वाहनों पर रोक लगा दी गयी है।
प्रदुषण रोकने के लिए ये उपाय तत्कालीन व अस्थाई है इनसे कोई विशेष प्रभाव पड़ने वाला नहीं है। प्रदुषण का कारण पंजाब में पराली फूंकने को बताया जाता है इसमें पंजाब सरकार पराली फूंकने को रोकने में पूरी तरह विफल हुई है।
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की कांग्रेस सरकार, केंद्र सरकार व पंजाब सरकार पर प्रदुषण न दूर करने का आरोप कई बार लगाया था और कहा था कि यदि हमारी सरकर बनी तो राजधानी को प्रदुषण मुक्त कर देंगे। अब अपनी वायदों और जिम्मेदारियों को भूल कर वे केंद्र सरकार पर दोषारोपण करने में जुट गए है। पंजाब की पराली समस्या पर केजरीवाल ने पूरी चुप्पी साध ली है, इतना ही नहीं वायु प्रदुषण के साथ जल प्रदुषण पर भी केजरीवाल सरकार पूरी तरह नाकाम हुई है कुछ वर्ष पूर्व केजरीवाल ने आश्वासन दिया था कि यमुना को प्रदुषण मुक्त कर दिया जायेगा वह झूठा सिद्ध हुआ और छठ पूजा पर यमुना पूर्व कि भांति प्रदूषित रही।
राजधानी क्षेत्र के प्रदुषण का स्थाई समाधान निकालने के लिए केंद्र को कड़े कदम उठाने होंगे यह निश्चित है कि केजरीवाल दिल्ली की तरह पंजाब में भी पराली के संकट को दूर नहीं करेंगे। उनका लक्ष्य जनसमस्याओं को लेकर केंद्र को आरोपित करना है आशा की जाती है कि प्रदुषण नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार प्रभावशाली कदम उठाएगी।
गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’