अजित पवार बोले- केजरीवाल और ममता से बड़े नेता हैं शरद पवार

लोकसभा 2024 के लिए पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए विपक्ष महागठबंधन बना रहा है। वहीं वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने बुधवार को कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अन्य से बड़े नेता हैं। यह टिप्पणी पटना में विपक्षी दलों की बैठक से दो दिन पहले आई है। 

अजीत पवार मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 24वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर आत्मनिरीक्षण और परिवर्तन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। पटना में 23 जून को 17 विपक्षी दलों की महासम्मेलन होने वाला है। 

उन्होंने कहा कि आत्मनिरीक्षण जरूरी है और जरूरत पड़ने पर बदलाव लाना होगा। अगर ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, जगन मोहन रेड्डी, एन चंद्रबाबू नायडू, के चंद्रशेखर राव और नीतीश कुमार अपने-अपने राज्यों को अपने दम पर जीत सकते हैं। शरद पवार उन सभी से बड़े नेता हैं। एनसीपी महाराष्ट्र को अपने बल पर जीतने की दिशा में काम क्यों नहीं कर सकती है। 

ठाकरे परिवार की सुरक्षा में कटौती
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके परिवार को मिलने वाली सुरक्षा में कटौती कर दी गई है। इससे शिवसेना (यूबीटी) के नेता नाराज हो गए हैं। ठाकरे गुट के सांसद विनायक राउत ने महाराष्ट्र सरकार के फैसले को राजनीति से प्रेरित कदम बताया है। उद्धव ठाकरे और उनके परिवार की सुरक्षा में कटौती के साथ ही उनके काफिले में चलने वाले अतिरिक्त पुलिस बल और पायलट कार भी हटा ली गई है। 

वहीं, ठाकरे के निवास ‘मातोश्री’ के मुख्य द्वार पर पुलिस बल तैनाती की संख्या भी कम कर दी गई है। हालांकि मुंबई पुलिस का कहना है कि केवल अतिरिक्त पुलिस हटाई गई है, सुरक्षा में कमी नहीं की गई है। उद्धव ठाकरे के अलावा उनके पुत्र पूर्वमंत्री आदित्य ठाकरे, तेजस ठाकरे और पत्नी रश्मि ठाकरे के काफिले में जो अतिरिक्त गाड़ी थी, उसे भी कम किया गया है। विनायक राउत ने कहा कि मातोश्री के गेट से लेकर निजी सुरक्षा तक मे कटौती की गई है।

मुझे विपक्ष का नेता बनने में दिलचस्पी नहीं
अजीत पवार ने बुधवार को कहा कि उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए और उन्हें पार्टी संगठन में कोई भूमिका सौंपे। मुंबई में आयोजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 24वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में अजित पवार ने यह मांग रखी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि मैं विपक्ष के नेता के रूप में सख्त व्यवहार नहीं करता हूं।

उन्होंने कहा कि मुझे विपक्ष के नेता के रूप में काम करने में कभी दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन पार्टी विधायकों की मांग पर भूमिका स्वीकार की। पवार ने कहा कि उनकी मांग पर फैसला करना एनसीपी नेतृत्व पर निर्भर है।  मुझे पार्टी संगठन में कोई भी पद दें, और मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, मैं उसके साथ पूरा न्याय करूंगा।

पीएम को देश के आंतरिक हालात पर देना चाहिए ध्यान : पवार
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मणिपुर में जारी हिंसा को नियंत्रित करने के लिए सत्ता और संसाधनों का इस्तेमाल नहीं करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को देश की आंतरिक स्थिति से निपटने पर ध्यान देना चाहिए।

एनसीपी के 24वें स्थापना दिवस के मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा शासित मणिपुर सीमावर्ती राज्य है और इसकी अंतरराष्ट्रीय सीमा का पड़ोसी देश दुरुपयोग कर सकते हैं। राज्य में पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से हिंसा जारी है लेकिन सत्ता में बैठे लोगों के पास मौजूदा स्थिति के बारे में सोचने का समय नहीं है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जहां चाहें वहां जा सकते हैं, लेकिन पहले उन्हें आंतरिक स्थिति से निपटना चाहिए। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हालात सुधारने के लिए सत्ता का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।

महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को जारी किए 1500 करोड़ रुपये
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को 2022 के मानसून सीजन के दौरान भारी बारिश के कारण अपनी फसल गंवाने वाले किसानों के लिए 1,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की एक नई किश्त जारी करने की घोषणा की। राज्य के राहत और पुनर्वास विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 26,50,951 किसानों को 15.96 लाख हेक्टेयर से अधिक की फसल के नुकसान के लिए 1,500 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि पहले किसानों को तकनीकी कारणों से पहले वित्तीय सहायता नहीं मिल पाती थी।

कोविड-19 केंद्रों में अनियमितता कर लोगों की जान जोखिम में डाली गई : फडणवीस
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि महामारी के दौरान मुंबई में कोविड-19 देखभाल केंद्र स्थापित करने में कथित अनियमितताओं के कारण कई लोगों की जान जोखिम में डाली गई।

पुणे में मीडिया से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि बिना किसी पूर्व अनुभव वाली कंपनियों को कोरोनो वायरस महामारी के दौरान चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए चुना गया था।

फडणवीस ने कहा, बीएमसी के कोविड-19 देखभाल केंद्रों में घोटाले के साथ-साथ चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि कैसे कुछ अनुभवहीन कंपनियों का गठन किया गया और लोगों के जीवन को जोखिम में डाल दिया गया। परिणामस्वरूप कुछ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

हालांकि, फडणवीस ने इस मामले में कथित घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय के छापे से संबंधित सवालों को टाल दिया।

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