अखिलेश यादव हिंदू होते हुए भी अपने धर्म का उपहास उड़ा रहे हैं: संत समाज

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि अखिलेश का बयान करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर कुठाराघात है। वह मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ा रहे हैं।

ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर अखिलेश का बयान निंदनीय है। अखिलेश यादव हिंदू होते हुए भी अपने धर्म का उपहास उड़ा रहे हैं। उन्होंने अखिलेश यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि वह हिंदू समाज से माफी मांगें। वहीं ऋषिकेश परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के स्थान पर मंदिर था तो क्यों नहीं भव्य मंदिर होना चाहिए।

कुतर्कों और बहस का कोई मतलब नहीं। सबको पता हैं मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई। परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं, मेरी इच्छा है कि अब लोगों के दिमाग के पर्दे भी खुलें। सोच बदलें तो बहुत कुछ बदल सकता है। उन्होंने मुस्लिम भाइयों को थोड़ा सद्भाव, समझदारी, और संवेदनशीलता से काम लेना होगा।

कहा ज्ञानवापी से अनेक राज खुलेंगे। ज्ञानवापी मस्जिद में नंदी हैं, गौरी श्रृंगार मंदिर (पार्वती) हैं तो फिर यह भी तो सोचने का विषय है कि भगवान शिव कहां हैं? हम सब जानते है कि एक तरफ पूरे भारत में करोड़ों श्रद्धालु शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाते हैं।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से जुड़ी रिपोर्ट और माननीय वाराणसी कोर्ट, स्पेशल असिस्टेंट कमिश्नर, स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर, सिविल जज सीनियर डिविजन सभी का आभार व्यक्त किया है। स्वामी ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट और भारत के संविधान पर सभी का पूरा विश्वास है, संविधान ही समाधान है। मुझे विश्वास है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट का जो भी निर्णय होगा वह सभी के हित और देश के हित में होगा। 

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