अखिलेश का डिप्टी सीएम पर निशाना, बोले- सीएम अपने बगल में बैठे शूद्र से दिलाते हैं बयान

रासचरित मानस की चौपाई से शुरू हुआ शूद्र का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बृहस्पतिवार को गांव अंगौथा नगरिया में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में शामिल होने आए सपा प्रमुख ने फिर इस मामले को एक बयान से हवा दे दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने बगल में एक शूद्र को बैठाकर रखते हैं, और उन्हीं से बयान दिलवाते हैं। ये बातें उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है और सपा के लोग रामभक्तों पर गोलियां चलवाना चाहते हैं पर पलटवार करते हुए कहीं। उन्होंने कहा लोग पूछें कि क्या वह शूद्र हैं या नहीं?

वहीं रामचरित मानस को लेकर मंगलवार को सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर वे कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। कहा वे जानकारी करेंगे कि उन्होंने क्या बयान दिया।  मंदिरों में रामचरितमानस पाठ के आयोजन को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार सभी मंदिरों में आयोजन के लिए धनराशि दे, सपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी प्रसाद लेने जरूर आएंगे। वहीं 2024 के चुनाव को उन्होंने देश की राजनीति की दिशा तय करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से ही होकर देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी का रास्ता जाता है। लेकिन आज उत्तर प्रदेश को ही पीछे छोड़ दिया गया है, जनता इसका जवाब देगी। 

सरकार गुजरात मॉडल की बजाए मैनपुरी मॉडल पर रिसर्च कर रही है। क्योंकि मैनपुरी मॉडल ने लोकसभा उप चुनाव में भाजपा को हराकर ये साबित कर दिया था मि मैनपुरी मॉडल ही सबसे बेहतर है।  वे यहीं नहीं रुके, उन्होंने अगर वास्तव में सरकार माफिया पर कार्रवाई करना चाहती है तो टॉप-10 या टॉप-100 माफिया की सूची जारी क्यों नहीं करती है। क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो इसमें सबसे ज्यादा भाजपाई ही होंगे। इस दौरान पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव, जिलाध्यक्ष सपा आलोक शाक्य, पूर्व विधायक राजकुमार यादव, विधायक किशनी बृजेश कठेरिया और पूर्व एमएलसी अरविंद यादव मौजूद रहे। 

भाजपा ने चुराया समाजवादियों का नारा 

सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा देती है ये नारा समाजवाद का है। भाजपा ने समाजवादियों का नारा चुराया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार रामराज्य लाने की बात करती है, लेकिन केवल समाजवाद से ही रामराज्य लाया जा सकता है। 

प्रशासन लड़ रहा सहकारिता चुनाव 

सरकार के साथ-साथ अखिलेश यादव प्रशासन भी हमलावर नजर आए। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रशासन से ही चुनाव लड़ती है। लोकसभा उप चुनाव में नेता कप्तान से चुगली करते थे, इसके बाद आगे-आगे पुलिस और पीछे-पीछे अर्धसैनिक बल आते थे। उन्होंने कहा कि दो दिन से चल रहे सहकारिता चुनाव में भी प्रशासन ही चुनाव लड़ रहा है। उन्होंने जमीन पर कब्जा करने के लिए भी प्रशासन और भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताया। 

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