संतकबीरनगर नगर- समय से एंबुलेंस न पहुंचने पर प्रसूता की जान खतरे में पड़ी तो नवजात को जान गंवानी पड़ी। मामला बनकटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जहां शनिवार को संवेदनहीनता का ऐसा मामला सामने आया, जिसने पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
संतकबीरनगर नगर जनपद के हैंसर बाजार निवासी रिंका पत्नी पवन कुमार चौथे बच्चे का प्रसव कराने के लिए अपने मायके कुरियार में आ गई थी। रिंका के पिता बैजनाथ ने बताया कि शनिवार सुबह से ही उसे प्रसव पीड़ा हो रही थी। गांव के ही राम यज्ञ ने 108 पर फोन कर एंबुलेंस के लिए कहा। जवाब में किसी महिला ने फोन पर पता नोट कर बताया कि अभी फोन जाएगा। लेकिन एक घंटे इंतजार के बावजूद एंबुलेंस नहीं पहुंची। न ही फोन आया।
इसी बीच प्रसव पीड़ा अधिक होने पर उसे ऑटो रिक्शा से लेकर बनकटी अस्पताल के परिसर में जैसे पहुंचे। रिक्शे पर ही प्रसव हो गया। नर्स रेनू मौर्या व अन्य स्टाफ के सहयोग से बच्ची को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
परिजनों ने एंबुलेंस के न पहुंचने पर आक्रोश जताया है। कहा कि एंबुलेंस पहुंची होती तो ऐसा नहीं होता। सीचएसी के चिकित्सा प्रभारी डॉ. धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि जैसे ही महिला पहुंची। उसका पूरा ट्रीटमेंट किया गया। लेकिन बच्ची को नहीं बचाया जा सका। मां पूरी तरह स्वस्थ है।