मोदी सरकार की कार्यशैली से प्रभावित है अमेरिका

पहले कोरोना महामारी की भीषण तबाही फिर युद्ध के माहौल का प्रभाव देश-दुनिया पर अपना असर डालता रहा है। लेकिन सारी कवायदों के बीच भारत ने इंडिया फर्स्ट वाली नीति पर ही अपना पूरा ध्यान केंद्रित रखा। जिसने खुद को सुपर पावर मुल्क समझने वाले देश के मुंह से भी प्रशंसा पाने का काम किया है। अमेरिकी कांग्रेस की तरफ से वहां की  संसद को एक रिपोर्ट सौंपी गई, जिसमें भारत की शान में कसीदे पढ़े गए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय सरकार के वित्त विभाग यानी यूएस ट्रेजरी ने 10 जून  को अमेरिकी कांग्रेस को बताया कि कैसे कोविड-19 के प्रकोप के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जोरदार वापसी की। यूएस ट्रेजरी ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत की दूसरी लहर ने 2021 के मध्य तक विकास पर भारी प्रभाव डाला, जिससे इसकी आर्थिक सुधार में देरी हुई। भारत के टीकाकरण अभियान की प्रशंसा करते हुए अमेरिकी रिपोर्ट ने बताया कि भारत के टीकाकरण रोलआउट में तेजी आने के साथ ही वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों ने जोरदार वापसी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की लगभग 44 प्रतिशत आबादी को 2021 के अंत तक पूरी तरह से टीका लग गया, जो दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम हो सकता है।

मजबूत आर्थिक रफ्तार

कोरोना काल से उबरने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से रफ्तार पकड़ रही है। अब भारत की इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है। भारत की आर्थिक सुधार की सराहना करते हुए यूएस ट्रेजरी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में सात प्रतिशत रहने के बावजूद 2021-22 में 8.7 देश में जीडीपी की ग्रोथ रेट रही है। पिछले साल यानी वर्ष 2020-21 की तुलना में 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ बेहतर हुई है। 

अर्थव्यवस्था को वित्तीय सहायता

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैसे भारत सरकार के राजकोषीय प्रोत्साहन ने 2021 में महामारी की पृष्ठभूमि के खिलाफ अर्थव्यवस्था की मदद की। अमेरिकी ट्रेजरी ने कहा कि अधिकारियों का अनुमान है कि 2022 वित्तीय वर्ष के लिए कुल राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6.9 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा, जो कि महामारी से पहले घाटे से अधिक है।

कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम

अमेरिकी रिपोर्ट में भारत की टीकाकरण नीति के प्रयासों की भी सराहना की गई है। इस बारे में मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि साल की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों ने जोरदार वापसी की और वैक्सीनेशन कार्यक्रम ने रफ्तार पकड़ी। साल 2021 के अंत तक विशाल आबादी वाले भारत के 44 फीसदी लोगों का वैक्सीनेश हो चुका था। 

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