अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल हुआ अमेरिका, पीएम मोदी ने की थी शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 2015 में शुरू की गई पहल अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में अब अमेरिका भी आधिकारिक रूप से शामिल हो गया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी। अब तक इस गठबंधन में शामिल होने वाले देशों की कुल संख्या 101 हो गई है।

इस गठबंधन की शुरुआत साल 2015 में पेरिस में हुए जलवायु सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांसिस ओलांद ने की थी। अमेरिका ने इस समय स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में हो रहे कॉप26 जलवायु शिखर सम्मेलन में बुधवार को इस गठबंधन में शामिल होने की घोषणा की। 

पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों से निर्भरता घटाने की कवायद
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत दुनियाभर में सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए साल 2030 तक एक हजार बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने का लक्ष्य रखा गया है। इस गठबंधन के माध्यम से ऊर्जा के लिए पारंपरिक संसाधनों पर निर्भरता को कम करने के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।

एक आंकड़े के अनुसार अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल देश दुनिया की तीन-चौथाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन देशों के 20 से 50 फीसदी लोगों के पास बिजली की पहुंच नहीं है। इस गठबंधन के तहत तय लक्ष्य के अनुसार साल 2020 तक एक टेरावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने की योजना है। 

भारत और फ्रांस ने 2015 में शुरू किया था यह गठबंधन
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को भारत व फ्रांस ने साझा रूप से 2015 में पेरिस में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (कॉप21) के 21वें सम्मेलन के दौरान शुरू किया था। इसकी शुरुआत करने का मकसद सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख चुनौतियों का साथ मिलकर समाधान निकालना है।

इस गठबंधन में शामिल अधिकतर देश कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं। यानी कि ये देश सूर्य से सबसे कम दूरी पर स्थित हैं और इन देशों में सालों भर बहुत अधिक मात्रा में सौर ऊर्जा उपलब्ध रहती है। इस पहल के माध्यम से इन देशों में इस अक्षय ऊर्जा का अधिक से अधिक इस्तेमाल किए जाने की योजना है।

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