अमित शाह ने किया श्रीनगर से शारजाह के बीच पहली इंटरनेशनल फ्लाइट का उद्घाटन

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को श्रीनगर से शारजाह के लिए पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि इससे केंद्रशासित प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और यहां अधिक निवेश आएगा. इस मौके पर गृह मंत्री ने कहा, “हम आज से इसके शुरू होने की घोषणा करते हैं.” इसके अलावा शाह ने कहा कि हम आज से ‘जम्मू और कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में हेलीकॉप्टर ऑपरेशन पर नीति’ की भी घोषणा करते हैं.

शारजाह के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ान के उद्घाटन के बाद शाह ने ट्वीट किया, “श्रीनगर से शारजाह के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ान का उद्घाटन किया. श्रीनगर-शारजाह के बीच सीधी कनैक्टिविटी से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक आपूर्ति सुगम होने से जम्मू-कश्मीर के कृषि व बागवानी उत्‍पादकों की आय में निश्चित ही गुणात्मक वृद्धि होगी व रोजगार भी बढ़ेगा.”

अमित शाह जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को श्रीनगर पहुंचे. 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने और जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद शाह की यह पहली कश्मीर यात्रा है. उन्होंने कश्मीर घाटी में आम नागरिकों खासकर गैर-स्थानीय श्रमिकों और अल्पसंख्यकों पर बढ़े हमलों के मद्देनजर घाटी में सुरक्षा हालात और आतंकवाद से निबटने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की.

इससे पहले शाह ने श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर यूथ क्लब के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि 5 अगस्त 2019 का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में चुनाव कराने ही हैं. शाह ने कहा कि कश्मीर में युवाओं को मौका मिले इसलिए अच्छा परिसीमन भी होगा, डिलिमिटेशन के बाद चुनाव भी होगा और जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा भी वापस मिलेगा. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की शांति में जो भी खलल डालना चाहेगा, उससे हम सख्ती से निपटेंगे.

कश्मीर में बदलाव की बयार को कोई नहीं रोक सकता- शाह

उन्होंने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर में युवा विकास, रोजगार और पढ़ाई की बात कर रहा है. ये बहुत बड़ा बदलाव है. अब कोई कितनी भी ताकत लगा ले, इस बदलाव की बयार को कोई अब रोक नहीं सकता. उन्होंने कहा, “सवा दो साल के बाद मैं जम्मू-कश्मीर आया हूं और सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद मेरा पहला कार्यक्रम यूथ क्लब के युवा साथियों के साथ हो रहा है. मैं जम्मू-कश्मीर के युवाओं से मिलकर बहुत बहुत आनंद और सुकून का अनुभव करता हूं.”

गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर की 70 फीसदी आबादी 35 साल से कम उम्र की है. अगर इस आबादी के मन में आशा जगा दी जाए और विकास के कामों के साथ जोड़ दिया जाए तो कश्मीर की शांति में कभी कोई खलल नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा, “मैं विश्वास दिलाता हूं कि जम्मू कश्मीर की शांति में जो भी खलल डालना चाहेगा, उससे हम सख्ती से निपटेंगे. यहां विकास की जो यात्रा शुरु हुई है, इसमें कोई भी रोढ़ा नहीं अटका पाएगा.”

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