अमित शाह बोले- 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में होगा सहकारिता का अहम रोल

साल 2028 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के भारत के लक्ष्य को पूरा करने में सहकारी समितियों की बड़ी हिस्सेदारी होगी। केंद्रीय सहकारिता और गृह मंत्री अमित शाह ने इन समितियों के विकास पर जोर देने की अपील करते हुए बुधवार को ये बात कही। वे दिल्ली के नौरोजी नगर स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) के नए कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। गौरतलब है कि 41,000 वर्ग फुट में फैली इस इमारत का निर्माण एनबीसीसी ने किया है। 

गृहमंत्री शाह ने कहा कि नए कार्यालय का अधिग्रहण 175 करोड़ रुपये में किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र लगातार सहकारी आंदोलन के लिए विकास के लिए अग्रसर है। उन्होंने बताया कि सरकार ने सहकारी आंदोलन के विकास के लिए पिछले 30 महीनों में 60 प्रमुख पहल की हैं। 

शाह ने कहा कि अब हमने तय कर लिया है कि पीएम मोदी की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने में सहकारी समितियों की बड़ी हिस्सेदारी हो। उन्होंने पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए कहा कि पिछले 75 सालों में इस क्षेत्र का विकास उस गति से नहीं हुआ जैसे होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र 19वीं सदी से सीधे 21वीं सदी में आगे बढ़ेगा।

शाह ने कहा कि सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए सरकार ने बहु-राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम में संशोधन किया है। साथ ही पैक्स (प्राथमिक कृषि ऋण समितियों) को मजबूत करने के लिए मॉडल उपनियम लाए हैं। इतना ही नहीं केंद्र सरकार पैक्स का कम्प्यूटरीकरण करने की दिशा में भी लगातार काम कर रही है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में 12,000 नए पैक्स बनाए गए हैं। इसके साथ ही हमने अगले पांच वर्षों में दो लाख बहुउद्देशीय पैक्स/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियां स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। 

इस दौरान शाह ने सहकारी क्षेत्रों में और अधिक बैंक खोलने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही बहु-राज्य क्रेडिट समितियों से खुद को बैंकों में बदलने की भी अपील की। 

सहारा सहकारी समितियों के 2.5 लाख निवेशकों को अब तक 241 करोड़ रुपये का रिफंड मिला 
इस दौरान, सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह भी बताया कि सहारा समूह की कंपनियों से जुड़ी चार सहकारी समितियों में धन जमा करने वाले लगभग 2.5 लाख छोटे निवेशकों को 241 करोड़ रुपये वापस कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 1.5 करोड़ निवेशकों ने पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। इनमें से लगभग 2.5 लाख निवेशकों को 241 करोड़ रुपये पहले ही वापस कर दिए गए हैं।

गौरतलब है कि बीते साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (सीआरसीएस) को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था। बाद में जुलाई में ‘सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य करीबन चार करोड़ छोटे निवेशकों की मदद करना था। 

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