अमित शाह बोले- कपड़ा फाड़ राजनीति मध्य प्रदेश का नहीं कर सकती भला

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं। मध्य प्रदेश के मनावर में जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि इस बार मध्य प्रदेश 3 दीपावली मनाएगा। एक दीपावली कल मनाएंगे, दूसरी 3 दिसंबर को यहां भाजपा सरकार बनने के बाद और तीसरी दीपावली आपको 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मनानी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा भारतीय संस्कृति का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया, महाकाल लोक बनाया, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाया, बाबा केदार धाम और मां विंध्यवासिनी के तीर्थ क्षेत्र बनाएं, करतारपुर साहिब कॉरिडोर बनाया, कश्मीर में मां शारदा पीठ की फिर से पुनः प्रतिष्ठा की और नए संसद भवन में सेंगोल लगाकर भारतीय संस्कृति का सम्मान करने का काम किया।

अमित शाह ने कहा कि एक ओर मोदी जी देश भर के सभी सांस्कृतिक स्थानों को पुनर्जीवित कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस राजा भोज के नाम पर चलने वाली मेट्रो का विरोध करती है, सागर में संत रविदास के मंदिर का विरोध करती है और तो और मां नर्मदा के जयकारे से भी उन्हें तकलीफ है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी को कांग्रेस ने यहां अपना नेता बनाया है। लेकिन वो आपके भले के लिए काम नहीं करेंगे। क्योंकि उनके मन में है नकुलनाथ को मुख्यमंत्री बनाना और सोनिया गांधी जी के मन में है, राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जो अपने बेटे-बेटियों के लिए काम करते हैं वो देश और प्रदेश का कभी भला नहीं कर सकते।

भाजपा नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश में 3 परिवार है – कमलनाथ जी का, बंटाधार दिग्विजय जी का, तीसरा है राहुल और सोनिया गांधी का गांधी परिवार। हमारे यहां कहा जाता है कि तीन तिगाडा, काम बिगाड़ा। उन्होंने कहा कि यहां आदेश गांधी परिवार का चलता है, निर्देश कमलनाथ जी का चलता है और गलती होने पर चांटा दिग्विजय सिंह को लगा देते हैं। ये कपड़ा फाड़ राजनीति मध्य प्रदेश का भला नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दलित और आदिवासी विरोधी हैं। ये इतने साल सत्ता में रहे, लेकिन इन्होंने कभी भी किसी ट्राइबल को राष्ट्रपति नहीं बनाया। मोदी जी ने उड़ीसा की गरीब घर की ट्राइबल बेटी द्रौपदी मुर्मू जी को महामहिम राष्ट्रपति बनाकर, देश भर के आदिवासियों का सम्मान बढ़ाया।

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