सीएए-एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जेल में बंद जेएनयू छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया। शुक्रवार को शरजील की जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए दिल्ली की साकेत अदालत ने उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी।
पिछली सुनवाई में शरजील ने कहा था- वह कोई आतंकी नहीं हैं
देशद्रोह और अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपी जेएनयू छात्र शरजील इमाम ने कहा कि वह कोई आतंकी नहीं है और उसके खिलाफ मुकदमा स्थापित कानून के अनुरूप नहीं बल्कि किसी सम्राट के चाबुक की तरह है। यह तर्क शरजील ने मामले में जमानत देने और आरोपमुक्त किए जाने की मांग करते हुए रखा।
दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम को सीएए-एनआरसी के विरोध के दौरान कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हो चुका है। आरोप है कि उसने 2019 में अपने भाषणों में कथित रूप से असम और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों को देश से अलग करने की धमकी दी थी।
ये कथित भाषण उसने जामिया में 13 दिसंबर 2019 और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 16 दिसंबर 2019 को दिए थे। वह जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में है।